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tenour
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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अर्थान्तरम्
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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तात्पर्यम्
Meanings: 9; in Dictionaries: 2
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पाप्याला पंढरपूर, हागायाची गोद्री दूर
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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scope
Meanings: 16; in Dictionaries: 9
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purport
Meanings: 13; in Dictionaries: 5
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श्लेष अलंकारः - लक्षण ५
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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उपमालंकारः - लक्षण २
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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तृतीयपरिच्छेदः - परिच्छेदः ४
श्री १००८ श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्य-योगीन्द्रवर्य-श्रीआत्मानन्दसर स्वतीस्वामिभिंर्विरचितः ।
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पंचमम् ब्राम्हणम् - भाष्यं २
सदर ग्रंथाचे लेखक विष्णुशास्त्री वामन बापट (जन्म: पाऊनवल्ली-राजापूर तालुका, रत्नागिरी जिल्हा, मे २२, इ.स. १८७१; मृत्यू : डिसेंबर २०, इ.स. १९३२) हे महाराष्ट्रातील एक शांकरमतानुयायी अद्वैती, प्राचीन संस्कृत वाङ्मयाचे भाषांतरकार आणि भाष्यकार होते.
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drift
Meanings: 48; in Dictionaries: 15
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रसगंगाधरः - लेश अलंकार:
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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substance
Meanings: 30; in Dictionaries: 12
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sum
Meanings: 35; in Dictionaries: 9
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purpose
Meanings: 26; in Dictionaries: 13
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moral
Meanings: 23; in Dictionaries: 8
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तत्त्वचिन्तामणी - तात्पर्यवादः
तत्त्वचिन्तामणी शब्दाप्रामाण्यवादावरील एक असामान्य ग्रंथ आहे.
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तत्त्वचिन्तामणी - शब्दाप्रामाण्यवादः
तत्त्वचिन्तामणी शब्दाप्रामाण्यवादावरील एक असामान्य ग्रंथ आहे.
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ब्रह्मानन्दे अद्वैतानन्दः - श्लोक ८१ ते १०५
'सार्थपंचदश्याम्' या ग्रंथात श्रीशंकराचार्यांनी मानवाच्या आयुष्यातील तत्वज्ञान सोप्या भाषेत विशद केले आहे.
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कैलाससंहिता - अध्यायः २१
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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end
Meanings: 50; in Dictionaries: 12
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कैलाससंहिता - अध्यायः १९
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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object
Meanings: 54; in Dictionaries: 14
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वेदान्त परिभाषा - आगमः
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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प्राकृत मनन - अध्याय चवथा
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत श्रीगुरुचरित्रकाव्य
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कैलाससंहिता - अध्यायः १६
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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सौरपुराणं - अध्यायः ४०
सौरपुराणं व्यासकृतम् ।
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mean
Meanings: 67; in Dictionaries: 22
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सूतगीता - अथ द्वितीयोऽध्यायः
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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तत्वमुक्ताकलापे - जडद्रव्यसर:
वेदान्त देशिक उर्फ वेंकटनाथ (१२६८-१३७०) हे वैष्णव गुरू, कवि, भक्त, दार्शनिक आणि आचार्य सुद्धां होते.
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प्रथमोध्यायः - प्रथमः पादः
ब्रह्मसूत्रम् अनुभाष्यम्
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तत्वमुक्ताकलापे - बुद्धिसर:
वेदान्त देशिक उर्फ वेंकटनाथ (१२६८-१३७०) हे वैष्णव गुरू, कवि, भक्त, दार्शनिक आणि आचार्य सुद्धां होते.
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विमानस्थान - रसविमान
चरक संहिता आयुर्वेदासंबंधी एक प्रसिद्ध ग्रन्थ आहे. हा ग्रंथ संस्कृत भाषेत आहे. या ग्रंथाचे उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश आणि प्रतिसंस्कारक चरक हे होत. Charaka Sanhita is believed to be the oldest Ayurvedic text on internal medicine.
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तत्वमुक्ताकलापे - अद्रव्यसर:
वेदान्त देशिक उर्फ वेंकटनाथ (१२६८-१३७०) हे वैष्णव गुरू, कवि, भक्त, दार्शनिक आणि आचार्य सुद्धां होते.
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