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खग्रास
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പൂർണ്ണ
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پوٗرٕنہٕ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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खग्रास ग्रहण
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ಪೂರ್ಣ
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पूर्ण
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total eclipse
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खाऊन खग्रास, हागून घाण
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முழுகிரகணம்
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పూర్ణగ్రహణము
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পূর্ণগ্রাস
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পূর্ণ্্গ্রাস গ্রহণ
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ପୂର୍ଣ୍ଣ ଗ୍ରହଣ
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ખગ્રાસ
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പൂര്ണ്ണഗ്രഹണം
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आबुं मननाय
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खग्रासग्रहणम्
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گِرہُن
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ಪೂರ್ಣಗ್ರಹಣ
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ਸੂਰਜ ਗ੍ਰਹਿਣ
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पूर्ण ग्रहण
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पूर्ण ग्रास
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सर्वग्रास
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कंकणाकृति
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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धर्मसिंधु - ग्रहणशुभाशुभनिर्णय
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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अवमर्द
Meanings: 15; in Dictionaries: 5
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चिरवियुक्ताचा उद्गार
केशवसुतांच्या काव्यांवर क्रांतिकारक विचारांचा, स्वातंत्र्यवादाचा, मानवधर्माचा आणि आत्मनिष्ठेचा प्रभाव आहे.
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मीलन
Meanings: 22; in Dictionaries: 6
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मारुतीची आरती - जयजय महा वीर धीर चिरंजिव ...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती.
The poem composed in praise of God is Aarti.
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ग्रहलाघव - चंद्रग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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धर्मसिंधु - ग्रहणवेधविचार
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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एकनाथी भागवत - श्लोक ४ था
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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भारूड - नवल
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा आणि भारुडे रचून इतिहास घडविला आहे.
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प्र.के.अत्रे - तू छोकरी , नहि सुन्दरी । ...
प्रल्हाद केशव अत्रे (१३ऑगस्ट १८९८ - १३ जून १९६९) हे मराठीतील नावाजलेले लेखक, कवी, नाटककार, मराठी व हिंदी चित्रपट निर्माते, चित्रपट कथाकार, चरित्र लेखक, शिक्षणतज्ञ, संपादक, पत्रकार, राजकारणी, हजरजबाबी वक्ते आणि संयुक्त महाराष्ट्राच्या चळवळीचे एक प्रमुख नेते होते.
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ग्रहलाघव - चन्द्रग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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त्याज्यप्रकरणम् - श्लोक १ ते १२
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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मराठी पदें - पदे ३६ ते ४०
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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पशुपरीक्षेची उदाहरणे
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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दासोपंत चरित्र - पदे १०१ ते १२५
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत.
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अध्याय ८२ वा - श्लोक १ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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ग्रहण
ज्योतिष हा विषय वेदांइतकाच प्राचीन आहे .
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ख
Meanings: 141; in Dictionaries: 10
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ग्रहण
Meanings: 56; in Dictionaries: 10
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अध्याय तेहतीसावा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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अध्याय तीसावा - श्लोक ५१ ते १००
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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शिवभारत - अध्याय पंचविसावा
श्रीछत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या आज्ञेवरून लिहिलेलें कवीन्द्र परमानन्दकृत ' श्रीशिवभारत '
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संकेत कोश - संख्या ३
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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शिवभारत - अध्याय पंचविसावा
श्रीछत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या आज्ञेवरून लिहिलेलें कवीन्द्र परमानन्दकृत ' श्रीशिवभारत '
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ग्रहलाघव - सूर्यग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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बृहत्संहिता - अध्याय २
शके ८८८ फाल्गुन कृष्ण द्वितीया गुरुवारी उत्पलनामकाने ही टीका केली.
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