-
नन्दः
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.805865 | Lang: NA
-
ନନ୍ଦ
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.059122 | Lang: NA
-
নন্দ
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.9267315 | Lang: NA
-
नंद
Meanings: 45; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.802573 | Lang: NA
-
ਨੰਦ
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.7943413 | Lang: NA
-
નંદ
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.7943413 | Lang: NA
-
نَنٛد
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.75474 | Lang: NA
-
نَند
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.7522835 | Lang: NA
-
ننٛد
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.3187161 | Lang: NA
-
நந்தன்
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.2716075 | Lang: NA
-
నందుడు
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.2716075 | Lang: NA
-
നന്ദന്
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.2716075 | Lang: NA
-
ನಂದ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.2716075 | Lang: NA
-
पूतनामोक्षम् - नन्दः पथि वचः शौरेर्न मृष...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.1054661 | Lang: NA
-
ਨੰਦਨ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06736668 | Lang: NA
-
नंदन
Meanings: 17; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.05834126 | Lang: NA
-
flute
Meanings: 12; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.05400013 | Lang: NA
-
নন্দন
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.05389335 | Lang: NA
-
ନନ୍ଦନ
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05389335 | Lang: NA
-
નંદન
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05389335 | Lang: NA
-
transverse flute
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02506269 | Lang: NA
-
کیبنِٹ ؤزیٖر
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.008285939 | Lang: NA
-
راجنَنٛد گام ضِلعہٕ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.008285939 | Lang: NA
-
पालकः
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.003874748 | Lang: NA
-
ecstasy
Meanings: 10; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.003228956 | Lang: NA
-
triumph
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.001937374 | Lang: NA
-
pleasure
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.001937374 | Lang: NA
-
joy
Meanings: 11; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.001614478 | Lang: NA
-
pipe
Meanings: 25; in Dictionaries: 13
Type: WORD | Rank: 0.001614478 | Lang: NA
-
दशमस्कन्धपरिच्छेदः - द्विचत्वारिंशत्तमदशकम्
श्रीनारायणके दूसरे रूप भगवान् श्रीकृष्णकी इस ग्रंथमे स्तुति की गयी है ।
Type: PAGE | Rank: 0.001614478 | Lang: NA
-
ऐश्वर्य कादम्बिनी - तृतीया वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
Type: PAGE | Rank: 0.001614478 | Lang: NA
-
अधिष्ठानम्
Meanings: 18; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.001291582 | Lang: NA
-
kuvera
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.001291582 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः ५६
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.001291582 | Lang: NA
-
रुचकादिचतुष्षष्टिप्रासादकः षट्पञ्चाशोऽध्यायः - ५१ ते १००
समराङ्गणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000–1055 ई) ने की थी।
Type: PAGE | Rank: 0.001141608 | Lang: NA
-
delight
Meanings: 23; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.001130135 | Lang: NA
-
श्री गुरुवायुपुरेशसुप्रभातस्तवः - उत्थिष्ठ कृष्ण गुरुवायुपु...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.001130135 | Lang: NA
-
वृन्दावनखण्डः - अध्यायः ०४
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.001130135 | Lang: NA
-
श्री गुरुवायुपुरेशसुप्रभातस्तवः - उत्थिष्ठ कृष्ण गुरुवायुपु...
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
Type: PAGE | Rank: 0.001130135 | Lang: NA
-
वृन्दावनखण्डः - अध्यायः ०६
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.001130135 | Lang: NA
-
श्रीकृष्णविलासकाव्यम् - तृतीयः सर्गः
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
Type: PAGE | Rank: 0.0009787254 | Lang: NA
-
अष्टमः स्कन्धः - अथ एकविंशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.0009686869 | Lang: NA
-
रुचकादिप्रासादलक्षणं नामैकोनपञ्चाशोऽध्यायः - ५१ ते १००
समराङ्गणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000–1055 ई) ने की थी।
Type: PAGE | Rank: 0.0009686869 | Lang: NA
-
श्रीकृष्णविलासकाव्यम् - चतुर्थः सर्गः
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
Type: PAGE | Rank: 0.0009132867 | Lang: NA
-
अध्याय ५ वा - श्लोक १७ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.000807239 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २२४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.000807239 | Lang: NA
-
कृष्णोपनिषत्
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
Type: PAGE | Rank: 0.000807239 | Lang: NA
-
कृष्णोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
Type: PAGE | Rank: 0.000807239 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराणम् - अष्टसप्ततितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.000807239 | Lang: NA
-
अश्वमेधखण्डः - अध्यायः ४०
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.000807239 | Lang: NA