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मीनाक्षी
Meanings: 13; in Dictionaries: 5
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मीनाक्षी अष्टोत्तर नामावलि
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
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मीनाक्षी अष्टोत्तरशतनामावलीः
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess
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मीनाक्षी देवी
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पंच कामाक्षी, मदुरा मीनाक्षी
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मीनाक्षी पञ्चरत्नम् - उद्यद्भानु सहस्रकोटिसदृशा...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
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श्रीमीनाक्षीमणिमालाष्टकम् - मधुरापुरिनायिके नमस्ते मध...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
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मीनाक्षीनवरत्नमालास्तोत्रम् - गौरीं काञ्चनपद्मिनीतटगृहा...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याणकारी तसेच दुष्टांचा संहार करणारीही आहे. The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as 'Shakti' since vedic times
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मीनाक्षीपञ्चरत्नम् - उद्यद्भानुसहस्रकोटिसदृशां...
मीनाक्षीपञ्चरत्नम्
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মীনাক্ষী দেবী
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ମୀନାକ୍ଷୀ ଦେବୀ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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संग्राहिका - सौ. मीनाक्षी दाढे
लग्नात मुली, स्त्रीया, आजीबाई मोठ्या उत्साहाने गाणी म्हणत.
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மீனாட்சி
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ਮੀਨਾਕਸ਼ੀ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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मिनाक्षी
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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میٖناکشی
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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મીનાક્ષી
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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देवी स्तोत्र - मीनाक्षी सुन्दरेश्वर स्तोत्रम्
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
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मीनाक्षी पाटोळे - आमच्या जुन्या पडक्या वाड्...
एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
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genus andropogon
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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andropogon
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ruta graveolens
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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herb of grace
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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rue
Meanings: 10; in Dictionaries: 4
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तीन साक्षी
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तैलोत्सव
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अचंबित होणे
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मीनाक्षीसुन्दरेश्वर
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सकपकाना
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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धरन
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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देवीची आरती - ओवाळीन वोजा ॥ शिवसहज...
देवीची आरती
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संगीत विक्रमोर्वशीय - प्रस्तावना
सन १८८९ साली ‘ संगीत विक्रमोर्वशीय ‘ नाटक प्रथम प्रसिद्ध झाले व प्रथम प्रयोग २१ नोव्हेंबर १९५५ रात्रौ ९-३० वा. झाला.
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संगीत अशी बायको हवी !
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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श्री वेंकटेश्वर - पदे २११ ते २२३
श्री वेंकटेश्वराचे दर्शन घेतल्याने अथवा पाठ केल्याने मनुष्यांस जन्म-मृत्युच्या फेर्यातून मुक्ति मिळते.
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.११
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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श्री चित्रगुप्त चालीसा - दोहा सुमिर चित्रगुप्त ईश ...
चालीसा, देवी देवतांची काव्यात्मक स्तुती असून, भक्ताच्या आयुष्यातील सर्व संकटे दूर होण्यासाठी मदतीची याचना केली जाते.
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कामाख्या दर्शन - मास विधि
कामरूप कामाख्या में जो देवी का सिद्ध पीठ है वह इसी सृष्टीकर्ती त्रिपुरसुंदरी का है ।
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अध्याय चौथा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
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रसार्णव - दशमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१२
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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अध्याय पाचवा - श्लोक १०१ ते १५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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संकेत कोश - संख्या ७
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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अध्याय ४८ वा - श्लोक ३१ ते ३६
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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सर्वेश्वरीविद्या - ॥ ॐ नम उमङ्गेश्वर्यै ॥ ...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
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॥ अथ पारद: ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.३
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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श्रीदत्त विजय - अध्याय तिसरा
स्वामी दत्तावधूतांनी लिहिलेली ही पोथी म्हणजे श्रीदत्त प्रभूंजवळ जाण्याचा अतिसुलभ मार्ग होय.
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राजनिघण्टु - पर्पटादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ३
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
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