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धनक
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ਧਨਕ
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ધનક
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ଝାଲରବାଲାଓଢ଼ଣୀ
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धनेच्छा
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دھنٔک
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پوٛنسُک تَماہ
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دھنک
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ধনক
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ଧନକ
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धनकः
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دھَنک
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অর্থলালসা
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ଧନେଚ୍ଛୁ
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धनाशा
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ওড়না
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bow
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rainbow
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निबन्धक
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धनकनकसंपन्न
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कृताग्नि
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कृतौजस्
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कृतवीर्य
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एकनाथी भागवत - श्लोक ५६ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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खंड ३ - अध्याय ३२
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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कृतवर्मन्
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दुर्दभ
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मानसागरी - अध्याय ५ - केतुमहादशान्तर्दशाफल
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.
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भगवंत - ऑक्टोबर १५
ब्रह्मचैतन्य महाराजांचे प्रवचन वाचले की वाटते, श्रीमहाराजांनी हे माझ्याचसाठी लिहिलेले आहे. तारखेप्रमाणे शक्यतो प्रवचन वाचण्याचा नेम करावा, म्हणजे वर्षाला एक पारायण पूर्ण होईल.
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मे ३ - साधन
महाराजांचे प्रवचन वाचले की वाटते , श्रीमहाराजांनी हे माझ्याचसाठी लिहिलेले आहे .
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दुर्मद
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परिशिष्ट पदे - पदे २१ ते ३०
मध्वमुनीश्वरांची कविता
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ११
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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अध्याय दूसरा - श्लोक २१ से ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
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अध्याय ५४ वा - श्लोक ४१ ते ४५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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मानसागरी - अध्याय २ - केतुभावफल
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.
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खंड ३ - अध्याय ३३
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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खंड २ - अध्याय ६५
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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समश्लोकी भगवद्गीता - अध्याय पहिला
भाषेतील गीतेचे पद्यरूपात मराठी भाषेत रूपांतर करण्याचे अवघड कार्य सदाशिवराव परांजपे यांनी केले.
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स्कंध ९ वा - अध्याय २३ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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शाहीर हैबती - संगीतशास्त्र
शाहीर हैबतीचे कवन म्हणजे रसमधुर काव्य.
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय २३
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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रुक्मिणी स्वयंवर - प्रसंग तेरावा
रुक्मिणी स्वयंवर या ग्रंथाचे पारायण केल्याने विवाह लवकर होण्यास मदत होते आणि सुस्वरूप, अनुरूप पती मिळतो असा अनेकांचा अनुभव आहे म्हणून शक्यतो कुमारिकांनी या ग्रंथाचे पारायण करावे.
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संकेत कोश - संख्या ३
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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धन
Meanings: 69; in Dictionaries: 10
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हिरण्यकशिपु
Meanings: 18; in Dictionaries: 5
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एकनाथी भागवत - श्लोक १८ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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मानसागरी - अध्याय ४ - राजयोग प्रकरण
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.
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स्कंध १० वा - अध्याय ८७ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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पुराणों में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका
पुराणों में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका
पौराणिक साहित्य में निर्दिष्ट विभिन्न वंशावलियों का निर्देश इससे पहले ही किया जा चुका है । इन राजाओं की जो जानकारी उपलब्ध है, उससे उनका निश्चित कालनिर्णय एवं उनके समकालीन अन्य राजाओं की पर्याप्त जानकारी प्राप्त होती है ।
इसी जानकारी को मूलाधार मान कर पौराणिक साहित्य में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका अगले पृष्ठ पर दी गयी है, जहाँ इन राजाओं की नामावलि सूर्य एवं सोम वंशों के विभिन्न उपशाखाओं के अनुक्रम से दी गयी है।
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