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सुषेण
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सुषेणः
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ସୁଷେଣ
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সুষেণ
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સુષેણ
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سوٗشِن
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சுசேன்
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ਸੁਸ਼ੇਣ
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سوشین
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സുഷേണൻ
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carissa
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stick
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सुशेन
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श्र्वसन
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वैद्यः
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उग्रधन्वन्
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युद्धकाण्डम् - काव्य ८०१ ते ८५०
युद्धकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सहावे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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विष्णोर्नाम गीता - भजन ५८
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
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वृष्णिमत्
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वैज
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रुमण्वत्
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विद्युन्मालिन्
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द्विविद
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खंड ४ - अध्याय १९
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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पूर्वभागः - द्विचत्वारिंशत्तमोऽध्यायः
पुराण म्हणजे भारतीय संस्कृतीचा अमूल्य ठेवा आहे. महापुराणांच्या क्रमवारीत कूर्मपुराण पंधराव्या स्थानावर आहे.
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मानसगीत सरोवर - जा झडकरी बा बलभीमा ये घेऊ...
भगवंताच्या लीला, त्याचे स्वरूप, अवतारकृत्ये व प्रत्येक अवतारातील अनेकविध प्रसंग, यावर आधारीत भजनांचा संग्रह, म्हणजेच मानसगीत सरोवर.
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सुलोचनाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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मार्गशीर्ष शुद्ध १०
दिन विशेष - वर्षातील प्रत्येक दिवसाचे ऐतिहासीक महत्व.
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रेणुका
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ४६
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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अध्याय १० - युद्धकाण्डवर्णनं
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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पूर्वभागः - पञ्चचत्वारिंशत्तमोऽध्यायः
पुराण म्हणजे भारतीय संस्कृतीचा अमूल्य ठेवा आहे. महापुराणांच्या क्रमवारीत कूर्मपुराण पंधराव्या स्थानावर आहे.
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अध्याय बत्तीसावा - श्लोक २०० ते २६४
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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कथाकल्पतरू - स्तबक ८ - अध्याय १३
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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वृषसेन
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वैद्य
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जयंती
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मैंद
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सुनीथ
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अध्याय दुसरा - श्लोक २०१ से २३३
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय १०
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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अध्याय तेवीसावा - श्लोक २०१ ते २२४
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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युद्धकाण्डम् - काव्य ७५१ ते ८००
युद्धकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सहावे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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अध्याय पंचवीसावा - श्लोक २०१ ते २६३
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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सुतपस्
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सुशर्मन्
Meanings: 23; in Dictionaries: 3
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खंड २ - अध्याय १३
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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तारा
Meanings: 83; in Dictionaries: 13
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माधव
Meanings: 80; in Dictionaries: 10
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पूर्वभागः - अध्यायः ५५
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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