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coition
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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जैह्म्यम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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आक्षारणम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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मैथुनम्
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venery
Meanings: 5; in Dictionaries: 2
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copulate
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intercourse
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copulation
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
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sodomy
Meanings: 8; in Dictionaries: 5
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पल्लवग्राही पांडित्य
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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बृहद्यात्रा - श्वेङ्गित
‘ गणित ज्योतिष' या विषयावरील वराहमिहीराने लिहीलेला हा ग्रंथ ज्योतिषप्रेमींसठी अत्यंत उपयोगी आहे
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अप्रकाश्य
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sexual
Meanings: 11; in Dictionaries: 7
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gender
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अक्षता
Meanings: 9; in Dictionaries: 6
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खण्डः २ - अध्यायः १४१
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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couple
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pair
Meanings: 26; in Dictionaries: 10
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॥ अथ मेघनादरेचनरस: ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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॥ अथ वमनम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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marriage
Meanings: 18; in Dictionaries: 5
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आचारकाण्डः - अध्यायः १८०
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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तृतीयस्थानम् - एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
हारीत संहिता, एक चिकित्साप्रधान आयुर्वेदिक ग्रन्थ आहे. ह्या ग्रंथाचे रचनाकार महर्षि हारीत होत, जे आत्रेय पुनर्वसु ऋषींचे शिष्य होते.
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ब्रह्मखण्डः - अध्यायः ३
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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ब्रह्मवर्गः - श्लोक ८९१ ते ९३२
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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स्मरदीपिका - सूत्र ६
स्मरदीपिका श्री मीनानाथ द्वारा संस्कृत भाषा में रचित एक अद्भुत कामशास्त्रीय काव्य है।
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शारीरकोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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उड्डामरेश्वरतन्त्र - पञ्चमः पटलः
‘उड्डामरेश्वरतन्त्र ’ हे तंत्रशास्त्रातील अत्यंत दुर्मिल आणि गुप्त तंत्र आहे, साधक याचा उपयोग अतिशय निर्वाणीच्या क्षणी करतात.
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षड्विंशः पटलः - पंञ्चमकार माहात्म्यम्
षट्चक्रभेदः
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चाणक्य-सूत्राणि - चतुर्थोऽध्यायः
नीतिवर्णनात्मक संस्कृत ग्रंथांमध्ये, चाणक्य-नीतिदर्पण ग्रंथाचे महत्वपूर्ण स्थान आहे. जीवन सुखमय आणि ध्येयपूर्ण बनविण्यासाठी, विविध विषयांचे वर्णन या ग्रंथात आहे. व्यवहार संबंधी सूत्रे तसेच राजनीति संबंधी श्लोकांचा यात समावेश आहे.
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lust
Meanings: 20; in Dictionaries: 5
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sex
Meanings: 28; in Dictionaries: 12
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सद्यस्
Meanings: 23; in Dictionaries: 3
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॥ अथ रात्रिचर्या ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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तृतीयः भागः - वृद्धिब्रध्नाधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
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नानार्थवर्गः - श्लोक ५६४ ते ६११
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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शब्दवर्गः - श्लोक ३५२ ते ४०६
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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सौरपुराणं - अध्यायः १९
सौरपुराणं व्यासकृतम् ।
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खण्डः २ - अध्यायः १०३
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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रक्तवहस्त्रोतस् - क्रोष्ठुकशीर्ष
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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गुह्य
Meanings: 43; in Dictionaries: 8
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उत्तरभागः - अध्यायः ६
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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श्रीशक्तिसङ्ग्मतन्त्रम् - द्वात्रिंशतिः पटलः ।
तंत्र शास्त्र भारताची एक प्राचीन विद्या आहे. तंत्र ग्रंथ भगवान शिवाच्या मुखातून प्रकट झाले आहेत. त्यांना पवित्र आणि प्रामाणिक मानले आहेत. Tantra shastra is a secret and most powerful science of the Indian culture and religion. It is a most powerful science which Indian Rushis have practised for centuries and still it is in practise.
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उत्तरखण्डम् - तृतीयोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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खण्डः ३ - अध्यायः २५३
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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अध्याय ३६२ - नानार्थवर्गा
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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स्मरदीपिका - सूत्र ३
स्मरदीपिका श्री मीनानाथ द्वारा संस्कृत भाषा में रचित एक अद्भुत कामशास्त्रीय काव्य है।
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॥ अथ भगन्दरनिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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खण्डः ३ - अध्यायः ०९५
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रेतकाण्डः - अध्यायः १२
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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