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شربھ
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शरभः
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শরভ
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शरभ
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شربھ مذۂبی کِتاب
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ਸ਼ਰਭ
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شرب
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ଶରଭ
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શરભ
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শরভ উপনিষদ
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ଶରଭ ଉପନିଷଦ
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ਸ਼ਰਭ ਉਪਨਿਸ਼ਦ.ਸ਼ਰਭ
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શરભ ઉપનિષદ
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ശരഭ ഉപനിഷത്
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शरभ उपनिषद
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शरभोपनिषद्
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शरभ उपनिषद्
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শরভোপনিষদ
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grasshopper
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locust
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moth
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camel
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आचारकाण्डः - अध्यायः २८
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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अपदेशप्रवाहवीचयः - सुभाषित १८०१ - १८२०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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बालकाण्डम् - काव्य २७ ते ५०
महाराष्ट्रकविवर्य श्रीमयूरविरचिते ग्रन्थ ‘ संस्कृतकाव्यानि ’
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ११६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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भविष्यपर्व - त्रिपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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उत्तरार्धम् - अध्यायः ७
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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अध्याय १० - युद्धकाण्डवर्णनं
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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मध्यम भागः - अध्यायः ६
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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युद्धखण्डः - अध्यायः २
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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शरभोपनिषत्
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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उत्तर पर्व - अध्याय ६१
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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उपशमप्रकरणम् - सर्गः १४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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शरभोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २०८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २१२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अवन्तीस्थचतुरशीतिलिङ्गमाहात्म्यम् - अध्याय ४४
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ६६
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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वामनपुराण - अध्याय ६६ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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प्रभासक्षेत्र माहात्म्यम् - अध्याय ११९
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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सुभाषितरत्नकोशः - ततोऽन्यापदेशव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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भविष्यपर्व - द्विसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३८०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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श्री हनुमान सहस्त्रनामस्तोत्रम्
हिंदू देवदेवतांची सहस्त्र नावे, स्तोत्र रूपात गुंफलेली आहेत. Sahastranaamastotra is a perticular stotra in which, the 1000 names of hindu Gods are introdused.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३३६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३९५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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सौरपुराणं - अध्यायः ४१
सौरपुराणं व्यासकृतम् ।
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उत्तरखण्डः - अध्यायः २०४
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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आञ्जनेय सहस्रनामस्तोत्रम् - ॥ श्रीः॥ ॥ श्री आञ्...
हनुमान वायुपुत्र आहे, त्यामुळे त्याच्यात प्रचंड शक्ति आहे. Hanuman is son of a wind god Vayu. Hanuman is the Divine example of pure devotion and service
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