हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|गीत और कविता|त्रिलोचन|चैती| रजनीगंधा चैती कर्म की भाषा असमंजस पवन शान्त नहीं है इच्छा नन्हे बात क्या है झापस रजनीगंधा कातिक का पयान क्षण की खिड़की मधुमालती कवि शमशेर से अच्छाई स्वर हृदय की लिपि अनुराग वसंत अधिभूत टूटा हृदय जो है सो है घटना दुखों की छाया पयोद और धरणी कठिन यात्रा आकांक्षा प्रकाश के रंग कला के अभ्यासी विनिमय मार्ग सारनाथ विपर्याय कह नहीं सकता ऐसा ही था मैं कृतज्ञ हूँ कवी त्रिलोचन - रजनीगंधा कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है। Tags : poemtrilochanकवितात्रिलोचन रजनीगंधा Translation - भाषांतर अनदिख टहनियाँ रजनीगंधा की हवा में फैली हैं साँसों में मेरी लहराती हैं चेतना को छेड़ कर सिराओं में जीवन का वेग बन जाती हैं इन के उलहने की गति जान पाता हूँ केवल परस से रात रोक नहीं पाती अनदिख टहनियाँ रजनीगंधा की हवा में फैली हैं साँसों में मेरी लहराती हैं चेतना को छेड़ कर सिराओं में जीवन का वेग बन जाती हैं इन के उलहने की गति जान पाता हूँ केवल परस से रात रोक नहीं पाती N/A References : N/A Last Updated : October 11, 2012 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP