हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|तुलसीदास भजन|भजन संग्रह २|
जागिये रघुनाथ कुँवर पंछी ...

भजन - जागिये रघुनाथ कुँवर पंछी ...

तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।


जागिये रघुनाथ कुँवर पंछी बन बोले ॥

कंद किरन सीतल भई चकई पिय मिलन गई ।

त्रिबिध मंद चलत पवन पल्लव द्रुम डोले ॥

प्रात भानु प्रगट भयो रजनीको तिमिर गयो ।

भृंग करत गुंजगान कमलन दल खोले ॥

ब्रह्मादिक धरत ध्यान सुर-नर-मुनि करत गान ।

जागनकी बेर भई नयन पलक खोले ॥

तुलसीदास अति अनन्द निरखिके मुखारबिंद ।

दीननको देत दान भूषन बहु मोले ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 15, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP