हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|तुलसीदास भजन|भजन संग्रह २|
मन माधवको नेकु निहारहि । ...

भजन - मन माधवको नेकु निहारहि । ...

तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।


मन माधवको नेकु निहारहि ।

सुनु सथ, सदा रंककेधन ज्यों, छिन-छिन प्रभुहिं सँभारहि ॥

सोभा-सील ग्यान-गुन-मंदिर, सुंदर, परम उदारहि ।

रंजन संत,अखिल अघ गंजन, भंजन बिषय बिकारहि ॥

जो बिनु जोग, जग्य, ब्रत, संयम गयो चहै भव पारहि ।

तौ जनि तुलसीदास निसि बासर हरि-पद कमल बिसारहि ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 15, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP