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शालिनी
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شالینی
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শালিনী
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ଶାଳିନୀ
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ਸ਼ਾਲਿਨੀ
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शालिनी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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fenugreek
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greek clover
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fenugreek seed
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trigonella foenumgraecum
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میٖٖتھِ کُل
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మెంతికూర
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ഉലുവച്ചീര
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मेथि
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मेथिका
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வெந்தயம்
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ମେଥି
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મેથી
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ಮೆಂತ್ಯ
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মেথি
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ਮੇਥੀ
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मेथी
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गिरिशालिनी
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अकरा अक्षरी वृत्तें - त्रिष्टुप्
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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वि. म. बोते - ही पत्नी, माता, भगिनी अशी...
एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
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समय मातृका - उपसंहारः
क्षेमेंद्र के ग्रंथ समयमातृका का रचनाकाल १०५० ई है। यह एक हास्य प्रहसन का अत्युत्तम ग्रंथ है ।
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प्रकाशित कविता - रामद्वारीं
डॉ. माधव त्रिंबक पटवर्धन ऊर्फ माधव जूलियन, (जन्म २१ जानेवारी १८९४; मृत्यु २९ नोव्हेंबर १९३९) हे मराठी भाषेतील प्रतिथयश कवी होऊन गेले.
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३७
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शृंगारशतकम् - श्लोक ६१ ते ७०
’शृंगारशतकम्’काव्यात शॄंगाराचे महत्व संवादातून नीट वर्णन केले आहे.
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संकेत कोश - संख्या ३७
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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ललिता त्रिशति - ककाररूपा कल्याणी कल्याणगु...
सती पार्वतीची दहा रूपे - काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, धूमावती, त्रिपुर सुंदरी, मातंगी, षोड़शी आणि भैरवी.
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त्रिष्टुप्
निरंजन माधव लिखित सद्वृत्तमुक्तावली.
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विभक्तिसंबधी अनुस्वार तृतीया
व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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शालीन
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शृंगारशतकम् - श्लोक १ ते १०
’शृंगारशतकम्’काव्यात शॄंगाराचे महत्व संवादातून नीट वर्णन केले आहे.
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बृहज्जातक - अध्याय १५
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.
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सार्थपिड्गलछन्द:सूत्र - अथछन्द:सूत्रविषयानुक्रमणी
अथछन्द:सूत्रविषयानुक्रमणी
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समवृत्तें - अनुक्रमणिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अध्याय ३३४ - समवृत्तनिरूपणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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संगीत सुवर्णतुला
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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कृष्णामाहात्म्य - अध्याय चवथा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
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उपासना खंड - अध्याय २३
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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अथ क्रियापादः - गर्भन्यासविधि पटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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क्रियापदः - गर्भन्यासविधि पटलः
सुप्रभेदागमः
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय १५
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Poranas.
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सिद्धारुढस्वामी - प्रकरण १५
प्रस्तुत ग्रंथ श्री कबीरदासस्वामी यांनी रचिला आहे . श्री सिद्धारूढस्वामी हे खरे सद्गुरू आहेत .
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अध्याय १ - भाग ३
महर्षि पाणिनी द्वारा रचित अष्टाध्यायी हा संस्कृत व्याकरणावरील एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ आहे, जो ई.पू. ५००व्या शतकात रचला गेला.
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चिद्बोधरामायण - प्रथम सर्ग
बालकांड निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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सिद्धारुढस्वामी - प्रकरण १४
प्रस्तुत ग्रंथ श्री कबीरदासस्वामी यांनी रचिला आहे . श्री सिद्धारूढस्वामी हे खरे सद्गुरू आहेत .
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