संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुराण|श्री स्कंद पुराण|अवन्तीखण्ड|अवन्तीक्षेत्रमाहात्म्यम्| अध्याय १७ अवन्तीक्षेत्रमाहात्म्यम् अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अध्याय ६४ अध्याय ६५ अध्याय ६६ अध्याय ६७ अध्याय ६८ अध्याय ६९ अध्याय ७० अध्याय ७१ विषयानुक्रमणिका अवन्तीक्षेत्रमाहात्म्यम् - अध्याय १७ भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे. Tags : puransanskrutskand puranपुराणसंस्कृतस्कन्द पुराण अध्याय १७ Translation - भाषांतर ॥ सनत्कुमार उवाच ॥दशाश्वमेधिके स्नात्वा दृष्ट्वा देवं महेश्वरम् ॥दशानामश्वमेधानां फलं प्राप्नोति मान वः ॥१॥मनुना मानवेन्द्रेण राज्ञा चैव ययातिना ॥रघुणोशनसा चैव लोमशेन महर्षिणा ॥२॥अत्रिणा भृगुणा व्यास दत्तात्रेयेण धीमता ॥पुरूरवसा पुण्येन नहुषेण नलेन च ॥३॥अत्र स्नानेन संप्राप्तं दशाश्वमेधिकं फलम् ॥संप्राप्ते द्वापरस्यांते राज्ञा बाष्कलिना तथा ॥४॥दशानामश्वमेधानां फल प्राप्तं द्विजोत्तम ॥कृष्णवर्णं तथा लिंगं पूजितं भक्तितः सदा ॥५॥दृष्ट्वा स्पृष्ट्वा च तं देवं प्रागुक्तं लभते फलम् ॥चैत्रे मासि सिताष्टम्यां देवं संपूज्य भक्तितः ॥६॥अश्वं दद्याच्च विप्राय सुरूपं च गुणान्वितम् ॥यावंति तस्य रोमाणि गण्यंते संख्यया द्विज ॥७॥तावद्वर्षसहस्राणि शिवलोके महीयते ॥शिवलोकात्परिभ्रष्टः सार्वभौमो भवेद्भुवि ॥८॥इति श्रीस्कांदे महापुराण एकाशीतिसाहस्र्यां संहितायां पञ्चम आवन्त्यखण्डेऽवन्तीक्षेत्रमाहात्म्ये दशाश्वमेधमाहात्म्यवर्णनंनाम सप्तदशोऽध्यायः ॥१७॥ N/A References : N/A Last Updated : December 01, 2024 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP