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स्तुतिशतकम् - पाण्डित्यं परमेश्वरि स्तु...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे. The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as 'Shakti' since vedic times.
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erudition
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clerkship
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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sageness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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lore
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conversance
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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artfulness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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sciolism
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पाण्डित्यम्
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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wisdom
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नखः
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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पंचम पटल - योग प्रकरण
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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अप्रस्तुतप्रशंसालंकारः - लक्षण १
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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बाल्यम्
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doctrine
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learning
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philosophy
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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परिच्छेद
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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talk
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अप्रस्तुतप्रशंसालंकारः - लक्षण ५
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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मुमुक्षुव्यवहारप्रकरणम् - सर्गः ८
योगवासिष्ठः
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शृंगारशतकम् - श्लोक ३१ ते ४०
’शृंगारशतकम्’काव्यात शॄंगाराचे महत्व संवादातून नीट वर्णन केले आहे.
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knowledge
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art
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सर्ग आठवा
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १९४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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श्रीचन्द्रमौलीश्वर - मुद्रा स्वस्ति श्रीमदखिलभ...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे. The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as 'Shakti' since vedic times.
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अनर्थ
Meanings: 51; in Dictionaries: 11
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मुमुक्षुव्यवहारप्रकरणम् - सर्गः १८
योगवासिष्ठः
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आर्या सप्तशती - आ-कार-व्रज्या
आर्या सप्तशती हा आचार्य गोवर्धनाचार्य यांनी रचलेला पवित्र ग्रंथ आहे.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४८१ ते ५००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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उत्तर गीता भाष्य - तृतीयोऽध्यायः
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ९५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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स्वच्छन्दभैरवतन्त्र - दशमः पटलः १
स्वच्छन्दभैरवतन्त्र हे एक असे तंत्र आहे, ज्यापासून प्रत्यक्ष भैरव मदतीला उभे राहतात.
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नख
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मन्त्रमहोदधिः - चतुर्थः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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सुभाषितरत्नकोशः - निर्वेदव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः २११
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मृग
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३९२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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प्रास्तविकविलासः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.प्रास्तविकविलासः काव्याचे कवी आहेत,जगन्नाथपण्डित.
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