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सिहरन
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कणकण
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শিহরন
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ਝਰਨਾਹਟ
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ଶିହରଣ
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ધ્રૂજારી
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शिरशिरणी
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संत चोखामेळा - आतां कणकण न करी वाउगी । ह...
श्री संत नामदेवकाळातील श्री विठ्ठलाची अपरंपार उपासना करणारे संत चोखोबा एक अस्पृश्य होते.
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कणकणणें
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किणकिणी
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कनानी
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कनकनीत
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कडंगी
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संगीत स्वयंवर - मी वज्र-मुष्टि, रिपुगण चू...
श्री रूक्मिणीस्वयंवराच्या सर्वश्रुत कथानकातील, श्रीकृष्ण व रूक्मिणी यांच्या चरित्रातील उदात्त तत्वे श्री. कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर यांनी नाटकाद्वारे प्रेक्षकांपुढे मांडली.
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कडांगी
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तलखली
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कडमड
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कडमडी
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कडमोड
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कडमोडा
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धमका
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कडंग
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संगीत विद्याहरण - सुखकर हें होवो मज वाग्वधु...
कचाने दैत्यगुरू शुक्राचार्यांकडून संजीवनी विद्या कशी मिळविली, याचे यथार्थ वर्णन या नाटकातून प्रभावीपणे जाणवते.
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जीवन लहरी
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
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रेती
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रवरवी
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भावगंगा - नारायण मंत्र
स्वाध्याय-प्रेमाने तुडुंब भरून वाहणारी ही भावगंगा आहे.
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धमकी
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रेत
Meanings: 13; in Dictionaries: 7
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चोरटा
Meanings: 12; in Dictionaries: 5
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रवरव
Meanings: 21; in Dictionaries: 3
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भावगंगा - स्वाध्यायाने
स्वाध्याय-प्रेमाने तुडुंब भरून वाहणारी ही भावगंगा आहे.
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स्वप्नाची समाप्ति
’कुसुमाग्रज’ या टोपणनावाने श्री. विष्णू वामन शिरवाडकर (१९१२-१९९९) यांनी मराठीत लेखन केले.
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कसर
Meanings: 27; in Dictionaries: 7
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करडा
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संगीत सुवर्णतुला
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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जय मृत्युंजय - वाटिकेंतल्या सुमांचा तुझ्...
गोपाळ गोडसे कवींनी मोठ्या बेहोष जिव्हाळ्याने आणि उन्मादक रसिकतेने `जय
मृत्युंजय’ या कवितासंग्रहात स्वातंत्र्यवीर सावरकरांचे वर्णन केले आहे.
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सणाचे उखाणे
लोकगीते ही लोकांची गाणी आहेत. जी कोणी एक व्यक्ति नाहीं तर पूर्ण समाज गात असतो. सामान्यतः लोकांत प्रचलित, लोकांद्वारे रचित आणि लोकांसाठी लिहीलेली गाणी यांनाच लोकगीते म्हणतात.
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सावरकरांच्या कविता - १
विनायक दामोदर सावरकर हे भारतीय स्वातंत्र्य लढ्यातील एका क्रांतिकारक चळवळीचे धुरीण, स्वातंत्र्यपूर्व आणि स्वातंत्र्योत्तर भारतीय राजकारणातील एक महत्त्वाचे राजकारणी होते.
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संत चोखामेळा - करुणा
श्री संत नामदेवकाळातील श्री विठ्ठलाची अपरंपार उपासना करणारे संत चोखाबा एक अस्पृश्य होते.
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संगीत द्रौपदी
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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ज्वर
Meanings: 31; in Dictionaries: 10
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श्यामची आई - रात्र चौदावी
’ श्यामची आई’ हे पुस्तक सुंदर, सुगंधी आणि सुरसच नसून, हृदयातील सारा जिव्हाळा यात साने गुरूजींनी ओतलेला आहे.
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अध्याय चौदावा - पूर्णविराम
भगवान सद्गुरु श्रीगोविंद अनंत ऊर्फ श्रीमामामहाराज केळकर यांचे चरित्र.
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श्रीसिध्दान्तबोध - अध्याय १४ वा
‘श्रीसिध्दान्तबोध’ हा संतकवि श्रीशहामुनि यांचा ग्रंथ म्हणजे मराठी वाड्मयाच्या खाणींतील एक तेजस्वी हिरा आहे.
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साईसच्चरित - अध्याय २१ वा
श्रीसाईसच्चरित या ग्रंथांत श्रीसाईबाबांच्या अद्भुत लीलांचा व उपदेशांचा संग्रह आहे.
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अंक पहिला - प्रवेश चवथा
गडकर्यांची नाटके मराठी भाषेचे कायमचे अलंकार बनलेले आहेत, आपली नाटके वाङ्मयदृष्ट्या वरच्या दर्जाची व्हावी याची त्यांनी फार खबरदारी घेतली होती.
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अध्याय तिसरा - संसार स्थितिवर्णन
भगवान सद्गुरु श्रीगोविंद अनंत ऊर्फ श्रीमामामहाराज केळकर यांचे चरित्र.
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साईसच्चरित - अध्याय २८ वा
श्रीसाईसच्चरित या ग्रंथांत श्रीसाईबाबांच्या अद्भुत लीलांचा व उपदेशांचा संग्रह आहे.
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शुक्रनीति - अध्याय तिसरा
प्रस्तुत नीति शुक्राचार्यांनी न लिहिता मूळ नीति भगवान् श्रीशंकरांनी लिहिली आहे.
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