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कौशिका
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کَوشِیکا
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கௌசிகா
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ਕੌਸ਼ਿਕਾ
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କୌଶିକା
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കൈശിക
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کوشیکا
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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কৌশিকী
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કૌશિકી
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కోశీనది
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श्री रामाचे पद - राम दीनबंधू रे । भक्तपाळ ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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हरिवंश पर्व - सप्तविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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खण्डः १ - अध्यायः ०७०
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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सप्रवरांचीं गोत्रें
ज्योतिष हा विषय वेदांइतकाच प्राचीन आहे .
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वामनपुराण - अध्याय १५ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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वामनपुराण - अध्याय ३ रा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २१३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ३
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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श्रीवामनपुराण - अध्याय १५
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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कथा कल्पतरू - स्तबक १३ - अध्याय ७
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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अध्याय आठवा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ३ - अध्याय ७
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ७७
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कथाकल्पतरू - स्तबक ३ - अध्याय ४
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः १४५
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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संकेत कोश - संख्या ७
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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नागरखण्डः - अध्याय १३५
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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श्री नारदीयमहापुराणम् - नामैकोननवतितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय ५१ वा
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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कथाकल्पतरू - स्तबक ७ - अध्याय १५
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ७ - अध्याय १३
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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