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نونچا
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लेई
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নোনতা আচার
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खळ
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ਸਲੂਣਾ
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గమ్ము
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لیئی
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ਲੇਟੀ
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مایہٕ
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ಪೇಸ್ಟು
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library paste
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লেই
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લાહી
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ଆମ୍ବୁଲ
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concrete
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નોનચા
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नोनचा
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பசை
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paste
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ଅଠା
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പശ
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लिपपोत
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देवाब
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माँड़
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पेस्ट
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कबीर के दोहे - कायकूं माया जोडीरे । नर क...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi
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भजन - हरि समान दाता कोउ नाहीं ।...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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अवलेह
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लेपन
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बंधुराय - संग्रह २
सासुरवास होत असताना, आसरा आणि मायेचा निवारा बंधुरायच, त्या भावाबद्दल विशेष आपुलकीने व पवित्र भावनेने म्हटल्या जाणार्या ओव्या.
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे ११ ते १५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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दोहे - ३०१ से ३५०
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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दोहे - ३५१ से ४००
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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स्कंध १० वा - अध्याय ८८ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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हिन्दी पदावली - पद १ से १०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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अयोध्या काण्ड - दोहा ३१ से ४०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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बालकाण्ड - दोहा २४१ से २५०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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बालकाण्ड - दोहा ३०१ से ३१०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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दोहे - १५१ से २००
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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अयोध्या काण्ड - दोहा ९१ से १००
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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दोहे - १ से ५०
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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दोहावली - भाग १८
कबीर सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. कबीरदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
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दोहे - २५१ से ३००
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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भागीरथीबाई - अभंग संग्रह ३१ ते ४०
श्रीसद्गुरु भागीरथीबाई वैद्य यांचे अभंग अवीट गोडीचे असून मन प्रसन्न करणारे आहेत .
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मीराबाई भजन - भाग ६
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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बालकाण्ड - दोहा ३२१ से ३३०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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श्रीसिध्दान्तबोध - अध्याय ६ वा
‘श्रीसिध्दान्तबोध’ हा संतकवि श्रीशहामुनि यांचा ग्रंथ म्हणजे मराठी वाड्मयाच्या खाणींतील एक तेजस्वी हिरा आहे.
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कथाकल्पतरू - स्तबक १० - अध्याय १२
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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रुखवत
लोकगीते ही लोकांची गाणी आहेत. जी कोणी एक व्यक्ति नाहीं तर पूर्ण समाज गात असतो. सामान्यतः लोकांत प्रचलित, लोकांद्वारे रचित आणि लोकांसाठी लिहीलेली गाणी यांनाच लोकगीते म्हणतात.
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अमृतानुभव - अज्ञानखंडन
अमृतानुभव हा ज्ञानेश्वरांना ज्ञानेश्वरी लिहून झाल्यावर आलेला अनुभव आहे.
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