Dictionaries | References

राजा मरो कीं राणी सती जावो! आपणास त्याचें काय?

   
Script: Devanagari

राजा मरो कीं राणी सती जावो! आपणास त्याचें काय?

   दुसर्‍याच्या भानगडींत सहसा पडूं नये. नसत्या चवकशा करण्यापासून आपला कांहीं फायदा नसतो.

Related Words

राजा मरो कीं राणी सती जावो! आपणास त्याचें काय?   राजा   राणी   सती प्रथा   सती   सती सावित्री   मला काय त्याचें!   कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली   कुठे राजा भोज आणि कुठे गंगु तेली   नवरा मरो कीं नवरी मरो, उपाध्याला दक्षिणेशीं काम   नवरा मरो कीं नवरी मरो, उपाध्याला दक्षिणेशीं कारण   नवरा मरो कीं नवरी मरो, उपाध्याला दक्षिणेशीं प्रयोजन   चक्रवर्ती राजा   राजा भोज   काय   कीं   डोचकें जावो कीं बोचकों जावो   कां कीं   queen   व्हिक्टोरिया राणी   राणी व्हिक्टोरिया   नवरा राजा, बायको राणी   फकीर नचिंत कीं ज्यां सुता त्यां मसीद   माय मरो पण आस न मरो   काम सरो, वैद मरो   राजा कालस्य कारणं   गरज सरो, वैद्य मरो   आपलीच नखें, आपणास विखें (होतात)   नवरा मरो कीं नवरी मरो, उपाध्याला दक्षिणेशीं (चें) कारण   king   राजाची राणी, प्रधानाची मेहुणी   सळो कीं पळो असें होणें   धर टांक कीं लाव कागदाला   लोक उपवाशी आणि राजा अधाशी   somatic cell   कायचिकित्सा   चक्रवर्त्ती राजा   राजा बंश   राजा हांसो   भोज राजा   सार्वभौम राजा   राजा फोलेर   therapy   मी बी राणी तूं बी राणी, पाटाचें कोण आणी पाणी   आपण कामास लोटावें, कामानें आपणास लोटूं नये   अनागोंदीचा राजा   राजा नखर   राजा फाथिनाय   राजाची राणी ती पाटलाची मेहुणी   ईश्र्वर कृपा ज्यावरी, त्याचें शत्रु काय करी   वोरेतु बेडिक्की जावो, वोक्कल बेडिक्की जावो, बडी भटटा दुड्डु हत्तारी उड्डेयी   गाढव जसा मुगुटधारी, तसा राजा निरक्षरी   world-beater   क्षणिक बुद्धि असणें (त्याचें) जिणें व्यर्थ   धरतो दुष्टाची संगत, त्याचें कल्याण नाही होत   queen regnant   येईल राजाची राणी, तर भरील परवडीनें पाणी   बोचकें कीं डोचकें   पोट कीं पट्टण   पोट कीं शहर?   मरणाला कीं तोरणाला   अंधेर नगरी बेबंद राजा, अंधेर नगरी बेबंद (बेबूझ) राजा टक्काशेर भाजी और टक्का शेर खाजा   लक्षाधीश कीं कक्षाधीश   लक्षापति कीं भिक्षापति   लक्षेश्वर कीं भिक्षेश्वर   सीता कीं संग्राम   अंधोके गांवमे काना राजा   होता कीं नव्हता करणें   राजानं परणली, राणी झाली   यथा राजा तथा प्रजा   महाराणी विक्टोरिया   राजा बोलेल तो न्याय   आपणा लागे काम। वाण्या धरीं गूळ। त्याचें यातिकूळ। काय किजे।।   मनुष्याची धांव राजा पावेतों   मन राजा, मन प्रजा   निर्बळाचें बळ राजा   आपणास म्हणविणें   राजा कधीं चुकत नाहीं   जसा राजा, तशी प्रजा   सुखाचा राजा, रोडगा ताजा   कसा काय   काय होय?   काय जळे   काय जाळावें   काय-चिकित्सा   काय जाळावें? काय जाळावयाचें आहे?   जसें तुमचें मरणें, तसें माझें सती जाणें   suttee   कुबेराचा माल कुबेराला, काय व्हावा मनुष्‍याला   दहीं खाऊं कीं मही खाऊं   मूर्ति भंगली कीं भक्ति खंगली   मूर्खाजवळ मांडल्या राशी, दोन्ही हारी आपणास   अप्पे खंवका कीं फोंड मेज्जुका?   नको म्हटलें कीं तेंच चांगलें!   शेंडी तुटो कीं पारंभी तुटो   दस्तूर अम्मल कीं अम्मल दस्तूर   हाट गोड कीं हात गोड   वांव चुकली कीं गांव चुकतो   वांव चुकली कीं गांव चुकला   एक नाहीं (कीं) दोन नाहीं   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP