Dictionaries | References

निर्बळाचें बळ राजा

   
Script: Devanagari

निर्बळाचें बळ राजा

   दुर्बल मनुष्यास आधार राजाचा असतो. या जगांत कायदा असतो म्हणुनच अशक्य माणसांचा निभाव लागतो. तु०
   दुर्बलस्य बलं राजा बालानां रोदनं बलम्‌। बलं मूर्खस्य मौनित्वं चौराणामनृतं बलं राजा बालानां रोदनं बलम्‍। बलं मूर्खस्य मौनित्वं चौराणामनृतं बलम्‍॥
   सुर १६२.३९३.

Related Words

बळ   निर्बळाचें बळ राजा   राजा   कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली   कुठे राजा भोज आणि कुठे गंगु तेली   चक्रवर्ती राजा   राजा भोज   बळ धरणें   बळ बांधणें   न्यायाक नीतींचे बळ, अन्यावाक धुमक्यांचें बळ   कांहीं आपाचें बळ, कांहीं बापाचें बळ   बळ आसिल्ल्यालो कारभार   केंद्रीय रिजर्व पुलिस बळ   चक्रवर्त्ती राजा   राजा बंश   राजा हांसो   भोज राजा   सार्वभौम राजा   राजा फोलेर   अनागोंदीचा राजा   राजा नखर   राजा फाथिनाय   अंधोके गांवमे काना राजा   मानव बल   झगड्याक बळ कसलें? उत्तर येतां तसलें   यथा राजा तथा प्रजा   राजा बोलेल तो न्याय   मनुष्याची धांव राजा पावेतों   मन राजा, मन प्रजा   राजा कालस्य कारणं   राजा कधीं चुकत नाहीं   जसा राजा, तशी प्रजा   सुखाचा राजा, रोडगा ताजा   राजा नीतिहीन, जैसी नदी पाण्यावीण   नाका म्हणयार राजा जांवय करतात   राजा भिकारी माझी टोपी घेतली, राजा भ्याला माझी टोपी दिली   राजा भिकारी माझी टोपी नेली, राजा भ्याला माझी टोपी दिली   राजा अज्ञ आणि प्रधान समयज्ञ   मनुष्यबलम्   मनुष्यबळ   فورٕس   ಜನಬಲ   ज्‍याचे अंगी सामर्थ्य तो राजा   लोक उपवाशी आणि राजा अधाशी   राजा करील ती पूर्व (दिशा)   राजा जेवते, कावळा टुकनीं लागते   शासक   king   poet   बळ करणें   मनीस बळ   राजा करी तैसे दाम। चाम तेही चालती॥   राजा गांवोगांव हिंडे भटजीचें तोंड झालें रडकुंडें   राजा निघाला बाहेरीं, वैभव त्याच्या बरोबरी   गाढव जसा मुगुटधारी, तसा राजा निरक्षरी   काळजाच्या पाठीं राजा, सुखदुःखें भोगी प्रजा   राजा राज कमावी, दुबळा झोंप कमावी   मन राजा, मन परजा, मनाले कोण वरजा   भोजराजा   महाराजः   भोजः   अंधेर नगरी बेबंद राजा, अंधेर नगरी बेबंद (बेबूझ) राजा टक्काशेर भाजी और टक्का शेर खाजा   राजपरिवार   राजवंश   अंधारांत चोरास बळ   शीमे सुरक्षा बळ   जिकडे बळ, तिकडे न्याय   ज्याचें दळ त्याचें बळ   दांती बळ धरणें   दादाचें बळ वहिनी जाणे   दादाचें बळ वहिनीला माहीत   दादाचें बळ वहिनीस माहीत   बळ मुंगीचें, धैर्य स्त्रीचें   बाशिंग बळ उभें राहणें   पायांची बळ भागविणें   भट करीत ती अमाश्या, आणि राजा ठरयत ती दिशा   गरीब बोले, दाढी हाले, राजा बोले, दळ हाले   राजा करता ती राटावळ, बोम पोरोब करता ती दिवाळी   फासा पडेल तो डाव आणि राजा बोलेल तो न्याव   राजा राज्य करी (कमावी) आणि दुबळा झोंप गमावी   म्हाराजा   ज्‍या घरी बळ असे वनितेचें। त्‍या घरीं धिक्‌ जिणें पुरुषाचें।।   आळशांचा राजा   इल राजा   कर्दम राजा   सगर राजा   त्रिपुर राजा   बलि राजा   राजा अहीनगु   राजा इल   राजा उशीनर   राजा कर्दम   राजा गैयै   राजा चंद्रसेन   राजा चन्द्रसेन   राजा चित्रांगद   राजा जनक   राजा जैसल   राजा दशरथ   राजा देवानीक   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP