चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - चैत्री पूर्णिमा

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


चैत्री पूर्णिमा ( पुराणसमुच्चय ) -

प्रत्येक मासकी पूर्णिमाको पूर्ण चनद्रमाका और तत्प्रकाशक सूर्यका तथा विष्णुरुप सत्यनारायाणका व्रत किया जाता है । यह पूर्णिमा चद्रोदयव्यापिनी ली जाती है । इसमे देवपूजन दान - पुण्य, तीर्थ - स्त्रान पुरण- श्रवणादि करनेसे पूर्ण फल मिलता है ।

यदि इस दिन चित्रा हो तो विचित्र वस्त्रोंका दान करनेसे सौभाग्यकी वृद्धि होती है ।

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Last Updated : January 16, 2009

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