चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - बालेन्दुव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


बालेन्दुव्रत ( विष्णुधर्म ) -

यह चैत्र शुक्ल द्वितीयाको किया जाता है । इस दिन सूर्यास्तके समय शुद्ध जलसे स्त्रान करके चावलोंका बालेन्दुमण्डल बनाये अथवा चन्द्रदर्शनके समय उसीमें बालेन्दु - मण्डलकी कल्पना करके आकाशस्थ चन्द्रमाका गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करे । ईख, गुड़, अक्षत, सुपारी और सैन्धव अर्पण करे और, ' बालचन्द्रमसे नमः ' इस मन्त्रसे आहुति देकर भोजन करे । इस प्रकार प्रत्येक शुक्ल द्वितीयाको एक वर्षतक करनेसे सुख और भाग्यकी वृद्धि होती हैं । इसमें तैलपक्क पदार्थ खानेकी मनाही है ।

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Last Updated : January 16, 2009

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