चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - पञ्चरात्र

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


पञ्चरात्र ( भविष्यपुराण ) -

ये व्रत नवरात्रोंके अन्तर्गत किये जाते हैं । विशेषता यह है कि इनमें पञ्चमीको एकभुक्त व्रत करे, षष्ठीको नक्तव्रत रखे, सप्तमीको अयाचित भोजन करे, अष्टमीको अन्नवर्जित उपवास रखे और नवमीको पारण करे तो इससे देवीकी प्रसन्नता बढ़ती है ।

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Last Updated : January 16, 2009

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