हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|पुस्तक|ठाकुर प्रसाद| द्वितीय स्कन्ध ठाकुर प्रसाद भागवत का उद्देश्य प्रथम स्कन्ध सूची द्वितीय स्कन्ध सूची तृतीय स्कन्ध सूची चतुर्थ स्कन्ध सूची पञ्चम स्कन्ध सूची षष्ठ स्कन्ध सूची सप्तम स्कन्ध सूची अष्टम स्कन्ध सूची नवम स्कन्ध सूची दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) दशम स्कन्ध (उत्तरार्ध) एकादश स्कन्ध सूची द्वादश स्कन्ध सूची प्रथम स्कन्ध द्वितीय स्कन्ध तृतीय स्कन्ध चतुर्थ स्कन्ध पञ्चम स्कन्ध षष्ठ स्कन्ध सप्तम स्कन्ध अष्टम स्कन्ध नवम स्कन्ध दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) दशम स्कन्ध (उत्तरार्ध) एकादश स्कन्ध द्वादश स्कन्ध ठाकुर प्रसाद - द्वितीय स्कन्ध ठाकुर प्रसाद म्हणजे समाजाला केलेला उपदेश. Tags : bookthakur prasadठाकुर प्रसादहिन्दी द्वितीय स्कन्ध Translation - भाषांतर जन्ममृत्युजराव्याधिदु:खदोषानुदर्शनम् ।अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् ।निद्रया हियजे नक्तं व्यवसाये न च वा वय: ।दिवा चार्थेहया राजन् कुटुम्बभरणेन वा ॥अलोडय सर्व शास्त्रणिं विचार्यं च पुन: पुन: ।इदमेकं सुनिष्पन्नं ध्येयो नारायणे हरि: ॥क्षणभंगुर जीवन की कलिका, कल प्रात: को जाने खिली न खिली; मलयाचलकी शुचि शीतल मंद, सुगन्ध समोर चलीन चली ।कलिकाल कुठार लिए फिरता तन नम्र है चोट फिली न फिली; रट ले हरिनाम अरी रसना, फिर अन्त समय में हिली न हिली ॥भक्ति करता तुका फाला पांडुरंग ।ब्रम्हाविद् ब्रम्हौव भवति ।तीव्रेण भक्तियोगेन यजेत पुरुषं परम् ।नमो नमस्तेऽस्त्वृषभाय सात्वतां विदूरकाष्ठाय मुहु: कुयोगिनाम् ।निरस्तसाम्यातिशयेन राधसा स्वधामनि ब्रम्हाणि रंस्यते नम: ॥मामेव ये प्रपद्यन्ते तरन्ति ते ॥तस्मात् सर्वात्मना राजन् हरि: सर्वत्र सर्वदा ।श्रोतव्य: कीर्तितव्यश्च स्मर्तव्यो भगवान्नृणम् ॥हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ॥ N/A References : N/A Last Updated : November 11, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP