हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|पुस्तक|ठाकुर प्रसाद| भागवत का उद्देश्य ठाकुर प्रसाद भागवत का उद्देश्य प्रथम स्कन्ध सूची द्वितीय स्कन्ध सूची तृतीय स्कन्ध सूची चतुर्थ स्कन्ध सूची पञ्चम स्कन्ध सूची षष्ठ स्कन्ध सूची सप्तम स्कन्ध सूची अष्टम स्कन्ध सूची नवम स्कन्ध सूची दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) दशम स्कन्ध (उत्तरार्ध) एकादश स्कन्ध सूची द्वादश स्कन्ध सूची प्रथम स्कन्ध द्वितीय स्कन्ध तृतीय स्कन्ध चतुर्थ स्कन्ध पञ्चम स्कन्ध षष्ठ स्कन्ध सप्तम स्कन्ध अष्टम स्कन्ध नवम स्कन्ध दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) दशम स्कन्ध (उत्तरार्ध) एकादश स्कन्ध द्वादश स्कन्ध ठाकुर प्रसाद - भागवत का उद्देश्य ठाकुर प्रसाद म्हणजे समाजाला केलेला उपदेश. Tags : bookthakur prasadठाकुर प्रसादहिन्दी भागवत का उद्देश्य Translation - भाषांतर भागवत का उद्देश्य और उसका माहात्म्यसच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे ।तापत्रयविनाशाय श्री कृष्णाय वयं नुम: ॥।वंदे नदब्रजस्त्रीरणं पादरेणुमभीक्ष्णश: ।तासां हरिकथोदगीतं पुनाति भुवनत्रयम् ॥तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम: ।ठेवीले अनंते तैसेची रहावे ।चिती असो द्यावे समाधान ॥भलुं थयुं भांगी जंजाल ।सुखे भजीशुं श्री जोपाल ॥उद्धरेदात्म नात्मानं नात्मानमवसादयेत् ।तमेव विदित्वाति मृत्युमेति नान्य: पंथा विद्यतेष्यनाय ।विवेक ही आत्मा का पुत्र है ।बिनु सत्संग विवेक न होई ।गीता मे कहा गया है :---भुंजते ते त्वघ पापा ये पचन्त्यात्मकारणत् ।देहेऽस्थिमोंसरुधिरेऽभिमतं त्यज त्वं जायासुतादिषु सदा ममतों विमुं च ।पश्यानिशं जगदिदं क्षणभंगनिष्ठं वैराग्यरागरसिको भव भक्तिनिष्ठा: ॥श्रवण, मनन निदिध्यासन से ज्ञान दृढ ह्ता हे ।अद्दढ च हतं ज्ञानं प्रमादेन हतं श्रुतम् ।संदिग्धो हि हतो मंत्री व्यग्रचित्तो हतो जप: ॥प्रत्येक नर-नारी को भगवदभाव से देखो ।सूतजी सावधान करते हैं ।अथातो ब्रम्हाजिज्ञासासंयम का पालन करोगे, तप करोगे तो ईश्वर मिलेंगे ।आत्मा का तो धर्म प्रभु के सम्मुख जाना ।॥ हरये नम: हरये नम: हरये नम: ॥संयम का पालन करोगे, तप करोगे तो ईश्वर मिलेंगे ।आत्मा का तो धर्म है प्रभु के सम्मुख जाना ।॥ हरये नम: हरये नम: हरये नम: ॥ N/A References : N/A Last Updated : November 11, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP