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वशिष्ट
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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श्री गायत्री शाप विमोचनम् - शाप मुक्ता हि गायत्री चतु...
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् । The goddess Gayatri is considered the veda mata, the mother of all Vedas
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वशिष्ठ
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
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मण्डल ९ - सूक्तं २
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल २ - सूक्तं ३६
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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ससंदेहालंकार - लक्षण ८
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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क्रीडा खंड - अध्याय २८
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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उत्तरभागः - अध्यायः १२
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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बस्वलिंगकृत संत - मालिका
बस्वलिंगकृत संत - मालिका
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उत्तरभागः - अध्यायः २
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्रीरघुनाथ चरित्र - ओव्या ५१ ते १००
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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चतुर्थप्रपाठकः - प्रथमोऽर्द्धः
यज्ञ, अनुष्ठान आणि हवन संबंधीचे मन्त्र सामवेदात सांगितले आहेत. सर्व वेदांमध्ये हा सर्वात छोटा वेद आहे.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय ११
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - संन्यासाश्रम
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्तविक पाहता प्रत्येकांत चारही वर्ण स्थापित आहेत, या व्यवस्थेलाच वर्णाश्रम धर्म म्हणतात.
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वामन पंडित - भरत भाव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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श्रीहनुमानसेवा २
श्रीसद्गुरू दासगणु महाराजांची कीर्तनाख्यानें हीं अत्यंत वैशिष्ट्यपूर्ण, रसाळ आणि विविध काव्यगुणांनी संपन्न असून श्राव्य काव्याचा तो एक उत्कृष्ट नमुना आहे.
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मध्यखंड - देहहंतानिरसनयोगो
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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चिद्बोधरामायण - चतुर्थ सर्ग
बालकांड निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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उत्तर खंड - निर्धारयोगो
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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निमि
Meanings: 28; in Dictionaries: 8
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और्व
Meanings: 25; in Dictionaries: 7
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त्रिशंकु
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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भरत
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भीष्म
Meanings: 68; in Dictionaries: 11
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