-
প্রবোধন
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.1983266 | Lang: NA
-
प्रबोधनम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.1178719 | Lang: NA
-
ପ୍ରବୋଧନ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.0886264 | Lang: NA
-
પ્રબોધન
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.0886264 | Lang: NA
-
അവബോധനം
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.0886264 | Lang: NA
-
ತಿಳುವಳಿಕೆ ನೀಡುವ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.0886264 | Lang: NA
-
प्रबोधन
Meanings: 28; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.07675271 | Lang: NA
-
मनुष्यवर्गः - श्लोक ७७१ ते ८०७
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
Type: PAGE | Rank: 0.0003778848 | Lang: NA
-
निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ११०
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
Type: PAGE | Rank: 0.0003778848 | Lang: NA
-
तृप्तिदीपः - श्लोक १०१ ते १२०
'सार्थपंचदश्याम्' या ग्रंथात श्रीशंकराचार्यांनी मानवाच्या आयुष्यातील तत्वज्ञान सोप्या भाषेत विशद केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0003306492 | Lang: NA
-
ब्रह्मानन्दे अद्वैतानन्दः - श्लोक ८१ ते १०५
'सार्थपंचदश्याम्' या ग्रंथात श्रीशंकराचार्यांनी मानवाच्या आयुष्यातील तत्वज्ञान सोप्या भाषेत विशद केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0002834136 | Lang: NA
-
वैशाखमासमाहात्म्यम् - अध्याय २
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0002834136 | Lang: NA
-
रेवा खण्डम् - अध्याय २२०
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.000236178 | Lang: NA
-
उत्तरस्थान - अध्याय ७
आयुर्वेदातील अष्टांग हृदय प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. याचे रचनाकार आहेत, वाग्भट. या ग्रंथाचा रचनाकाल ई.पू.५०० ते ई.पू.२५० मानतात. या ग्रंथात औषधि आणि शल्यचिकित्सा दोन्हींचाही समावेश आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.000236178 | Lang: NA
-
नागरखण्डः - अध्याय ११९
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0001889424 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३५३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.0001889424 | Lang: NA
-
परमेश्वरसंहिता - त्रयोदशोऽध्यायः
परमेश्वरसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.0001670031 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३९३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.0001653246 | Lang: NA
-
कार्तिकमासमाहात्म्यम् - अध्याय ७
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0001417068 | Lang: NA
-
सूत्रस्थान - अध्याय ०५
आयुर्वेदातील अष्टांग हृदय प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. याचे रचनाकार आहेत, वाग्भट. या ग्रंथाचा रचनाकाल ई.पू.५०० ते ई.पू.२५० मानतात. या ग्रंथात औषधि आणि शल्यचिकित्सा दोन्हींचाही समावेश आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0001417068 | Lang: NA
-
कौमारिकाखण्डः - विषयानुक्रमणिका
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.000118089 | Lang: NA
-
ब्रह्मोत्तर खण्डः - विषयानुक्रमणिका
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 9.44712E-05 | Lang: NA
-
साहित्य दर्पण - षष्ठः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
Type: PAGE | Rank: 5.90445E-05 | Lang: NA