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आत्रेयी
Meanings: 22; in Dictionaries: 7
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آترٛیٖی
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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ଆତ୍ରେୟୀ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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آترِئِی
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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আত্রেয়ী
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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આત્રેયી
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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आत्रेयी नदी
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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آترٛییٖ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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আত্রেয়ী নদী
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଆତ୍ରେୟ ନଦୀ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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आत्रेयीनदी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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आत्रेयिका
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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menstruous
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प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त ५२ वे
विधिविहित नित्यकर्म (संध्यादि) न केल्यामुळे, पाप केल्याने व सुरा इत्यादि निषिद्ध पदार्थांचे सेवन केल्यानें त्याच्या शुद्धिसाठी जें कर्म सांगण्यात येतें तें प्रायश्चित्त होय.
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menstrual
Meanings: 9; in Dictionaries: 5
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आत्रेय
Meanings: 53; in Dictionaries: 10
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प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त ६० वे
विधिविहित नित्यकर्म (संध्यादि) न केल्यामुळे, पाप केल्याने व सुरा इत्यादि निषिद्ध पदार्थांचे सेवन केल्यानें त्याच्या शुद्धिसाठी जें कर्म सांगण्यात येतें तें प्रायश्चित्त होय.
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चतुर्दश पटल - आत्रेयीशक्तिविवेचन
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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चतुर्दशः पटलः - नक्षत्राधिपतिफलविचारः
नाक्षत्रिकचक्रफलम्
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प्राचीन काळची स्थिती
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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चतुर्दश पटल - नक्षत्राधिपतिफलविचार
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १७३
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ८२
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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पुलह
Meanings: 21; in Dictionaries: 8
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पाद १ - खण्ड ३१
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
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