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ब्राह्मण

   { brāhmaṇa(m), brāhmaṇa }
Script: Devanagari

ब्राह्मण     

noun  हिन्दुफोरनि मोनब्रै थाखोनि गिबि थाखोनि मानसि   Ex. पन्दित श्याम नारायणा सासे मोजां ब्राह्मण
HYPONYMY:
दौरि
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
बामोन ब्राह्मन पन्दित
Wordnet:
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benব্রাহ্মণ
gujબ્રાહ્મણ
hinब्राह्मण
kanಬ್ರಹ್ಮಣ
kasبرٛہمن
kokब्राह्मण
malബ്രാഹ്മണന്‍
marब्राह्मण
mniꯕꯔ꯭ꯥꯝꯍꯟ
nepब्राह्मण
oriବ୍ରାହ୍ମଣ
panਬ੍ਰਹਾਮਣ
tamபிராமணன்
telబ్రాహ్మణులు
urdبراہمن
noun  हिन्दुफोरनि मोनब्रै थाखोफोरनि गिबि थाखो एबा हारि जायनि गाहाइ खामानिया बिलाइ फरायनाय, जज्ञ, गियान होनाय बायदिफोर   Ex. ब्राह्मणा गावनि खामानिनिफ्राय सानफा एफा जानगारलांगासिनो दं
ONTOLOGY:
समूह (Group)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
बामोन
Wordnet:
gujબ્રાહ્મણ
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sanब्राह्मणः
tamபிராமணன்
telబ్రాహ్మణుడు
urdبرہمن , پنڈت , بامھن

ब्राह्मण     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
BRĀHMAṆA   (BRĀHMIN).
(1) Origin.
Brāhmaṇas, Kṣatriyas, Vaiśyas, and Śūdras are the caturvarṇas or the four castes. The Purāṇas say that the four castes originated from different parts of the body of Brahmā. See Manusmṛti, Chapter 1, Stanza 87 “Sarvasyāsya tu sargasya Guptyarthaṁ sa mahādyutiḥ Mukhabāhūrūpajjānāṁ Pṛthakkarmāṇyakalpayat. (With a view to sustain the world, Brahmā ordered activities, for the four castes (Brāhmaṇa Kṣatriya, Vaiśya, and Śūdra) who were born from his face, arms, thighs and feet). From this statement it is seen that the Brāhmaṇas were born from the face, Kṣatriyas from the arms, Vaiśyas from the thighs and Sūdras from the feet of Brahmā.
2) The activities of a Brāhmaṇa.
The duties of a Brāhmaṇa are, performing sacrifice, and encouraging others to perform sacrifice, learning Vedas and teaching Vedas, giving gifts and getting remuneration. A Brāhmaṇa has two births in one life. Till the time of investiture with the sacred string is one birth and from that period onwards is the second birth. So a Brāhmaṇa is called ‘dvija’ or twice-born. The Brāhmaṇas were allowed to do the works of agriculture, keeping cows, trade and commerce and Kusīda (money-lending). Living on the interest of money giving out as loan is Kusīda. But they should not trade on products from cow, jaggery, salt, lac and flesh. The suffix ‘Śarmā’ should be added to the name of Brāhmaṇa. A Brāhmaṇa can have four wives.
BRĀHMAṆA(M)   See Veda.

ब्राह्मण     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  हिंदुओं के चार वर्णों में से पहले वर्ण का मनुष्य   Ex. पंडित श्याम नारायण एक श्रेष्ठ ब्राह्मण हैं ।; आज का ब्राह्मण अपने कर्म से विचलित होता जा रहा है ।; ब्राह्मणों की उत्पत्ति अग्नि से मानी गई है ।
HOLO MEMBER COLLECTION:
परिषद्
HYPONYMY:
महापात्र पंडा पुरोहित कान्यकुब्ज सारस्वत गौड़ उत्कल अनुवेश्य अजामिल ब्राह्मणेटा भड्डर चौबे अमरद्विज आथर्वण भट्ट देवल
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
विप्र बाम्हन ब्रह्मण द्विज द्विजाति पंडित पण्डित महिदेव अनलमुख भूदेव भूदेवता भू-देव भू-देवता वेदगर्भ त्रयीमुख शिखी द्विजपति द्विजेंद्र द्विजेन्द्र द्विजेश मैत्र लहेर वेदाधिदेव योगचक्षु नृदेव नृदेवता सावित्र माहनीय माहन आग्नेय भू-सुर भूसुर भूमिदेव इरेश वर्णज्येष्ठ
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panਬ੍ਰਹਾਮਣ
tamபிராமணன்
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urdبراہمن
noun  हिन्दुओं के चार वर्णों में पहला वर्ण या जाति जिसका मुख्य काम पठन-पाठन, यज्ञ, ज्ञानोपदेश आदि हैं   Ex. ब्राह्मण अपने कर्म से दिन-प्रतिदिन दूर होते जा रहे हैं ।
HYPONYMY:
ओझा सरयूपारी चौबे याज्ञिक देसवाली द्रविड़ ब्राह्मण
ONTOLOGY:
समूह (Group)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
बाम्हन ब्रह्मण
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kanಬ್ರಹ್ಮಣ
kasبرہمَن , برہمِن
malബ്രാഹ്മണന്
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sanब्राह्मणः
tamபிராமணன்
telబ్రాహ్మణుడు
urdبرہمن , پنڈت , بامھن
noun  वेद का व्याख्या वाला वह खण्ड जो गद्य में है एवं जिसमें कर्मकाण्डों की व्याख्या की गयी है   Ex. हर वेद के एक या एक से अधिक ब्राह्मण हैं ।
HYPONYMY:
शतपथ-ब्राह्मण
ONTOLOGY:
मानवकृति (Artifact)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
panਬ੍ਰਾਹਮਣ
sanब्राह्मणः
urdبرہمن

ब्राह्मण     

ब्राह्मण n.  एक नाग, जो कश्यप एवं कद्रू का पुत्र था ।

ब्राह्मण     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  हिंदूंच्या चार वर्णां मदलो पयलो आनी सगल्यांत श्रेश्ठ मानिल्ल्या वर्णाचो मनीस   Ex. पंडीत शामनारायण एक श्रेश्ठ ब्राह्मण / आयचो ब्राह्मण आपल्या कर्मा पसून शेणत चल्ला / ब्राह्मणांची उत्पत्ती उज्या पसून जाल्या अशें मानतात
HOLO MEMBER COLLECTION:
परिशद
HYPONYMY:
भट पुरयत कान्यकुब्ज सारस्वत मैथील गौड उत्कल अजामील भटुरगो चौबे आथर्वण
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
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oriବ୍ରାହ୍ମଣ
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telబ్రాహ్మణులు
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noun  जाचे मुखेल काम पठण-पाठण, यज्ञ, ज्ञानोपदेश, बी आसता असो हिंदूंच्या चार वर्णांतलो पयलो वर्ण   Ex. ब्राह्मण आपल्या कार्यां सावन दिसांत दीस पयसावत चल्ल्यात
HYPONYMY:
ओझा सरयुपारी चौबे देसवाली द्रवीड ब्राह्मण याज्ञिक
ONTOLOGY:
समूह (Group)संज्ञा (Noun)
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sanब्राह्मणः
tamபிராமணன்
telబ్రాహ్మణుడు
urdبرہمن , پنڈت , بامھن
noun  गद्यांत आसा आनी जातूंत कर्मकाण्डांची व्याख्या केल्ली आसा असो वेदाचे व्याख्येचो खंड   Ex. दर वेदांत एक वा एका परस चड ब्राह्मण आसात
HYPONYMY:
शतपथ-ब्राह्मण
ONTOLOGY:
मानवकृति (Artifact)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
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panਬ੍ਰਾਹਮਣ
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urdبرہمن

ब्राह्मण     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
To set food before Bráhmans.

ब्राह्मण     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  The first of the four great divisions of the Hindu body or an individual of it. This word is prefixed to certain words in order to designate the white light or fair variety.

ब्राह्मण     

ना.  द्विज , पंडित ( हिंदी ), भट , विप्र .

ब्राह्मण     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  आर्यांच्या चार वर्णांपैकी पहिल्या वर्णातील मनुष्य   Ex. अध्ययन आणि अध्यापन हे ब्राह्मणाचे कर्तव्य सांगितले आहे
HYPONYMY:
भटजी भट मैथिल गौड उत्कल कान्यकुब्ज अजामीळ चौबे आथर्वण ब्राह्मणपुत्र सारस्वत ब्राह्मण
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
विप्र द्विज भूदेव भुसुर भुसूर
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telబ్రాహ్మణులు
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noun  आर्यांच्या चार वर्णांपैकी पहिला वर्ण, याची अध्ययन व अध्यापन ही कर्तव्ये सांगितली आहेत   Ex. पूर्वी ब्राह्मण हा सर्वश्रेष्ठ वर्ण मानला जात असे
HYPONYMY:
ओझा देसवाली चौबे द्रविड ब्राह्मण शरयूपारी
ONTOLOGY:
समूह (Group)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
द्विज विप्र भूदेव भूदेवता
Wordnet:
gujબ્રાહ્મણ
kanಬ್ರಹ್ಮಣ
kasبرہمَن , برہمِن
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sanब्राह्मणः
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urdبرہمن , پنڈت , بامھن

ब्राह्मण     

 पु. 
आर्याच्या चार वर्णांतील पहिला वर्ण ; द्विज ; विप्र . कांहीं शब्दांपूर्वी हा शब्द जोडला असतां उज्वल , तेजस्वी असा अर्थ दर्शविला जातो . उदा० ब्राह्मणहिरा = पहिल्या प्रतीचा तेजस्वी हिरा ; ब्राह्मण भांग - सबजी - पिंपळ इ० = शुद्धतम जातीची भांग इ० ब्राह्मणांच्या जातींचीं कांहीं नांवें त्या त्या वर्गाच्या शब्दाखालीं दिलीं आहेत . पंचगौड व पंचद्रविड पहा .
ब्रह्मस्वरुप जाणणारा करितो ब्रह्मनिरुपण । जाणती ब्रह्मसंपूर्ण । तेचि जाणावे ब्राह्मण ब्रह्मविद . - दा ६ . ४ . ७६ .
दैव अथवा पितृकार्यात भोजनार्थ आमंत्रित व्यक्ति .
भिक्षुक . [ सं . ] ( वाप्र . ) म्ह० काळा ब्राह्मण गोरा शूद्र यांस पाहून कोपे रुद्र .
०घालणें   क्रि . ब्राह्मणास भोजन देणें .
०वाडप   क्रि . ( गो . ) ब्राह्मण घालणें . सामाशब्द -
०कासोटा  पु. ( राजा . ) खालच्या जातीच्या स्त्रियांनीं ब्राह्मणांच्या स्त्रियांसारखें वस्त्र नेसणें .
०की   जनकी - स्त्री . ब्राह्मण लोकांचें कर्तव्य , पद .
०घेवडा  पु. ( साकेतिक ) बोंबिलमासा .
०चांडाल  पु. जातिबाह्य ( अन्य जातीची स्त्री असलेला अथवा आई ब्राह्मण व बाप शूद्र असलेला मनुष्य ). [ सं . ]
०जन  पु. ब्राह्मणाच्या घरीं शागीर्दपणा करणारा ब्राह्मण ; पाणक्या ; धोतरबडव्या . [ सं . ]
०जनकी  स्त्री. ब्राह्मणजनाचें काम ; ब्राह्मणकी .
०जाई  पु. ब्राह्मणापासून हलक्या ( किंवा शुद्र ) जातीच्या स्त्रीच्या ठायीं उत्पन्न झालेला अशांची जात अथवा एक व्यक्ति .
०थर  पु. ब्राह्मणांस योग्य ( असे पोशाख कपडे इ० . ) थर शब्द पहा .
०दिव्य  न. पवित्र ब्राह्मणाचे पाय धरुन घेतलेली शपथ . [ सं . ]
०देव  पु. ( राजा . ) ब्राह्मण पुजारी असलेला एक ग्रामदेव ; गुरव , घाडी , राऊळ ज्याचा पुजारी आहे अशा देवाहून भिन्न .
०दोक वि.  ब्राह्मणानें आणलेलें ; उपयोग केलेलें , स्पर्श केलेलें ( पाणी , भांडें , कोणतीहि ). याच्या उलट कुणबी दोक . [ ब्राह्मण + उदक ]
०बढाई   यी बढायकी - स्त्री . ब्राह्मण जातीचा गर्व , अभिमान , बडेजाव .
०भोजन   संतपण - न . धमार्थ ब्राह्मणांस भोजन घालणें . [ सं . ] संबंध - पु . ब्रह्मसंबंध पहा . [ सं . ] ब्राह्मणाई - स्त्री .
ब्राह्मणांचें वर्चस्व , प्राबल्य , प्राचुर्य .
ब्राह्मण जातीचा ताठा , डौल . ब्राह्मणाऊ - वि . ब्राह्मणास योग्य , उचित , शोभणारा , विहित . ब्राह्मणादिकजाति - स्त्रीअव . हिंदूंच्या चार मोठ्या जाती ; ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य , शूद्र . इ० [ सं . ] ब्राह्मणी - स्त्री .
ब्राह्मणजातीची ; स्त्री .
( गो . ) ( ल . ) उपहारगृह ; चहाचें दुकान . ब्राह्मणी खाल्ली = चहाच्या दुकानांत फराळ केला . - वि . ब्राह्मणासंबंधीं ( चाल , वेष , भाषा इ० ). ब्राह्मण्य - न .
ब्राह्मणांचा समुदाय .
ब्राह्मणपणा . ब्राह्मण्य रक्षावें आदरें । - दा ४ . २ . २० . [ सं . ]

ब्राह्मण     

नेपाली (Nepali) WN | Nepali  Nepali
noun  हिन्दूहरूको चार वर्णमा सबैभन्दा पहिलो वर्णको मनुष्य   Ex. पण्डित श्याम नारायण एकजना श्रेष्ठ ब्राह्मण हुन् / आजका ब्राह्मण आफ्नो कर्मबाट विचलित हुँदै जाँदै छन् / ब्राह्मणहरूको उत्पत्ति अग्निबाट भएको भनिन्छ
HYPONYMY:
पुरेत
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
विप्र बाम्हन ब्रह्मण द्विज पण्डित महिदेव अनलमुख भूदेव भूदेवता वेदगर्भ त्रयीमुख शिखी द्विजपति द्विजेन्द्र द्विजेश मैत्र वेदाधिदेव योगचक्षु नृदेव नृदेवता
Wordnet:
asmব্রাহ্মণ
bdब्राह्मण
benব্রাহ্মণ
gujબ્રાહ્મણ
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kanಬ್ರಹ್ಮಣ
kasبرٛہمن
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malബ്രാഹ്മണന്‍
marब्राह्मण
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oriବ୍ରାହ୍ମଣ
panਬ੍ਰਹਾਮਣ
tamபிராமணன்
telబ్రాహ్మణులు
urdبراہمن
noun  हिन्दूहरूको चार वर्णमध्ये पहिलो वर्ण वा जाति जसको मुख्य काम पठन-पाठन, यज्ञ, ज्ञानोपदेश आदि दिनु हो   Ex. ब्राह्मणहरू आफ्नो कर्मबाट दिन-प्रतिदिन पर हुँदै जाँदैछन्
ONTOLOGY:
समूह (Group)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
द्विज विप्र बाम्हन ब्रह्मण महिदेव त्रयीमुख योगचक्षु वेदाधिदेव
Wordnet:
gujબ્રાહ્મણ
kanಬ್ರಹ್ಮಣ
kasبرہمَن , برہمِن
malബ്രാഹ്മണന്
marब्राह्मण
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sanब्राह्मणः
tamபிராமணன்
telబ్రాహ్మణుడు
urdبرہمن , پنڈت , بامھن

ब्राह्मण     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
ब्राह्मण  mfn. mfn. relating to or given by a Brāhman, befitting or becoming a Br°, Brāhmanical, [AV.] ; [TBr.] ; [MBh.]
ब्राह्मण  m. m. one who has divine knowledge (sometimes applied to अग्नि), a Brāhman, a man belonging to the 1st of the 3 twice-born classes and of the 4 original divisions of the Hindū body (generally a priest, but often in the present day a layman engaged in non-priestly occupations although the name is strictly only applicable to one who knows and repeats the वेद), [RV.] &c. &c.
ब्राह्मणाच्छंसिन्   = , KātyŚr.
a Brāhman in the second stage (between मात्र and श्रोत्रिय), [Hcat.]
N. of the 28th lunar mansion, [L.]
ब्राह्मण  n. n. that which is divine, the divine, [AV.]
sacred or power, ib.; [ĀśvGṛ.]
Brāhmanical explanation, explanations of sacred knowledge or doctrine (esp. for the use of the Brāhmans in their sacrifices), [Br.]
विधि   the ब्राह्मण portion of the वेद (as distinct from its मन्त्र and उपनिषद् portion) and consisting of a class of works called ब्राह्मणs (they contain rules for the employment of the मन्त्रs or hymns at various sacrifices, with detailed explanations of their origin and meaning and numerous old legends; they are said by सायण to contain two parts: 1. , rules or directions for rites; 2. अर्थ-वाद, explanatory remarks; each वेद has its own ब्राह्मण, that of the [RV.] is preserved in 2 works, viz. the ऐतरेय, sometimes called आश्वलायन, and the कौषीतकि or शाङ्खायन-ब्राह्मण; the white यजुर्-वेद has the शत-पथ-Br°; the black यजुर्-वेद has the तैत्तिरीय-Br° which differs little from the text of its संहिता; the [SV.] has 8 Br°s, the best known of which are the प्रौढ or पञ्च-विंश and the षड्विंश; the [AV.] has one Br° called गो-पथ), [Nir.] ; [GṛŚrS.] &c.
the सोम vessel of the ब्रह्मन् priest, [RV.] ; [AV.]
a society or assemblage of Brāhmans, a conclave, [W.]

ब्राह्मण     

ब्राह्मण [brāhmaṇa] a.  a. (-णी f.) [ब्रह्म वेदं शुद्धं चैतन्यं वा वेत्त्वधीते वा अण्]
Belonging to a Brāhmaṇa.
Befitting a Brāhmaṇa.
Given by a Brāhmaṇa.
Relating to religious worship.
One who knows Brahma.
णः A man belonging to the first of the four original castes of the Hindus, a Brāhmaṇa (born from the mouth of the puruṣa); ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीत् [Rv.1.9.] 12; [Ms.1.31,96;] (जन्मना ब्राह्मणो ज्ञेयः संस्कारैर्द्विज उच्यते । विद्यया याति विप्रत्वं त्रिभिः श्रोत्रिय उच्यते ॥ or जात्या कुलेन वृत्तेन स्वाध्यायेन श्रुतेन च । एभिर्युक्तो हि यस्तिष्ठेन्नित्यं स द्विज उच्यते ॥).
A priest, theologian.
An epithet of Agni.
 N. N. of the twentyeighth Nakṣatra.
णम् An assemblage or society of Brāhmaṇas.
That portion of the Veda which states rules for the employment of the hymns at the various sacrifices, their origin and detailed explanation, with sometimes lengthy illustrations in the shape of legends or stories. It is distinct from the Mantra portion of the Veda.
 N. N. of that class of the Vedic works which contain the Brāhmaṇa portion (regarded as Śruti or part of the revelation like the hymns themselves). Each of the four Vedas has its own Brāhmaṇa or Brāhmaṇas: ऐतरेय or आश्व- लायन and कौषीतकी or सांख्यायन belonging to the Ṛigveda; शतपथ to the Yajurveda, पञ्चविंश and षड्विंश and six more to the Sāmaveda, and गोपथ to the Atharvaveda.
The Soma vessel of the Brahman priest. -Comp.
-अतिक्रमः   offensive or disrespectful conduct towards Brāhmaṇas, insult to Brāhmaṇas; ब्राह्मणातिक्रमत्यागो भवता- मेव भूतये [Mv.2.1.]
-अगर्शनम्   absence of Brahmanical instruction or guidance; वृषलत्वं गता लोके ब्राह्मणादर्शनेन च [Ms.1.43.]
-अपाश्रयः   seeking shelter with Brāhma- ṇas.
-अभ्युपपत्तिः  f. f. protection or preservation of, or kindness shown to, a Brāhmaṇa; ब्राह्मणाभ्युपपत्तौ च शपथे नास्ति पातकम् [Ms.8.112.]
-आत्मक a.  a. belonging to Brāhmaṇas.
-घ्नः   the slayer of a Brāhmaṇa; स्त्रीबाल- ब्राह्मणघ्नांश्च हन्याद् द्विट्सेविनस्तथा [Ms.9.232.]
चाण्डालः a degraded or outcast Brāhmaṇa; यथा ब्राह्मणचाण्डालः पूर्व- दृष्टस्तथैव सः [Ms.9.87.]
the son of a Śūdra father by a Brāhmaṇa woman.
-जातम्, -जातिः  f. f. the Brāhmaṇa caste.
-जीविका   the occupation or means of livelihood prescribed for a Brāhmaṇa; अध्यापनमध्ययनं यजनं याजनं तथा । दानं प्रतिग्रहश्चैव षट्कर्माण्यग्रजन्मनः ॥ षण्णां तु कर्मणामस्य त्रीणि कर्माणि जीविका । याजनाध्यापने चैव विशुद्धाच्च प्रतिग्रहः ॥.
-द्रव्यम्, -स्वम्   a Brāhmaṇa's property.
-निन्दकः   a blasphemer or reviler of Brāhmaṇas.
-प्रसंगः   the applicability of the term Brāhmaṇa.
-प्रातिवेश्यः   a neighbouring Brāhmaṇa; ब्राह्मणप्रातिवेश्यानामेतदेवानिमन्त्रणे [Y.2.263.]
-प्रियः  N. N. of Viṣṇu.
-ब्रुवः   one who pretends to be a Brāhmaṇa, one who is a Brāhmaṇa only in name and neglects the duties of his caste; बहवो ब्राह्मणब्रुवा निवसन्ति Dk.; सममब्राह्मणे दानं द्विगुणं ब्राह्मणब्रुवे [Ms.7.85;8.2.]
-भावः   the rank or condition of a Brāhmaṇa.
-भूयिष्ठ a.  a. consisting for the most part of Brāhmaṇas.
-यष्टिका, -यष्टी   Clerodendrum Siphonantus (Mar. भारंग).
-वधः   the murder of a Brāhmaṇa, Brahmanicide.
-वाचनम्   the recitation of benedictions.
-संतर्पणम्   feeding or satisfying Brāhmaṇas.

ब्राह्मण     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
ब्राह्मण  m.  (-णः) A man of the first Hindu tribe, a Brāhman.
 n.  (-णं)
1. An assemblage of Brāhmans, a council, a conclave.
2. A portion of the Vedas, that which comprises the precepts that inculcate reli- gious duties, the maxims which explain those precepts and the arguments which relate to theology; it is, however, now often blended with other portions.
 f.  (-णी)
1. The wife of a Brāhman, or a woman of the Brāhminical tribe.
2. A kind of wasp.
3. A small ant.
4. a potherb, (Ruta graveolens.)
5. A shrub, (Sipho- nanthus Indica.)
5. A sort of grass, (Trigonella corniculata.)
E. ब्रह्मन् the Veda, &c. अण् aff. and the final syllable of the ori- ginal word retained.
ROOTS:
ब्रह्मन् अण्

ब्राह्मण     

noun  ब्राह्मणस्य ब्राह्मणेन सम्बद्धः वा ।   Ex. अस्य मन्दिरस्य गणपतिः ब्राह्मणे पोशाखे अस्ति ।
MODIFIES NOUN:
क्रिया वस्तुः दशा
ONTOLOGY:
संबंधसूचक (Relational)विशेषण (Adjective)

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द्रविड ब्राह्मण   द्रविड़ ब्राह्मण   द्रवीड ब्राह्मण   शतपथ ब्राह्मण   ब्राह्मण   प्रहराचा ब्राह्मण   सारस्वत ब्राह्मण   काळा ब्राह्मण गोरा शूद्र, त्‍यास पाहून कापे रुद्र   ऋषि वंश. - क्षत्रिय ब्राह्मण   देव झाले लटके, ब्राह्मण (बामन) झाले बटके   कुणबी मेला भुतानें, ब्राह्मण मेला वातानें   brahman   brahmin   हुसेनी ब्राह्मण   जानवें घातल्‍यानें ब्राह्मण होत नाहीं   कर्म अभिमानें वर्ण अभिमानें नाडले ब्राह्मण कलियुगी   ऋत्विक ब्राह्मण   ऋत्विज ब्राह्मण   बाहेर ब्राह्मण उपाशी, आणि आंत यजमान खेळती बायकोशीं   दशग्रंथी ब्राह्मण   दादा ब्राह्मण, वहिनी सवाष्ण   ब्राह्मण ऋषि   ब्राह्मण कुमार   ब्राह्मण-पुत्र   ब्राह्मण भोळा, काखेंत सोंवळा   भुकेला ब्राह्मण, जेवलेला मुसलमान यांना रागास आणूं नये   मेजवानीची मेजवानी आणि ब्राह्मणचा ब्राह्मण   देव झाले लटके, ब्राह्मण झाले बटके   विंचू मराठा आणि साप ब्राह्मण   درٛوِڈی برٛہمَن   দ্রাবিড় ব্রাহ্মণ   ଦ୍ରାବିଡ ବ୍ରାହ୍ମଣ   દ્રવિડ બ્રાહ્મણ   शतपथब्राह्मणम्   شتپَت برہمَن   ଶତପଥ ବ୍ରାହ୍ମଣ   শতপথ-ব্রাহ্মণ   શતપથ બ્રાહ્મણ   द्रविडः   ब्राह्मणः   ବ୍ରାହ୍ମଣ   ਬ੍ਰਹਾਮਣ   બ્રાહ્મણ   ബ്രാഹ്മണന്‍   ബ്രാഹ്മണന്   براہمن   برٛہمن   బ్రాహ్మణుడు   బ్రాహ్మణులు   ব্রাহ্মণ   பிராமணன்   ಬ್ರಹ್ಮಣ   महिदेव   योगचक्षु   बाम्हन   ब्रह्मण   बामोन   बिरामण   भूदेवता   ब्राह्मन   भुसूर   भू-देव   भू-देवता   भू-सुर   पन्दित   लहेर   संहितोपनिषद्ब्राह्मण   नृदेवता   शाङ्खायनब्राह्मण   वाजसनेयब्राह्मण   चत्‍वार वर्ण   चार वर्ण   ताण्डक   ताण्ड्यब्राह्मण   ताण़्ड्यब्राह्मणम्   ऐतरेयक   ब्राम्हणांचा रोग ओठांत   ब्राह्मणविहित   ब्राह्मणोक्त   माहनीय   मुखीन   यजमानब्राह्मण   मधुब्राह्मण   महाकौषीतकिब्राह्मण   तैत्तिरीयब्राह्मण   वेदम्   शांकरब्राह्मण   शाट्यायनब्राह्मण   शैलालिब्राह्मन   ताकभातखाऊ   ऋग्ब्राह्मण   बामणजण   बामणजणकी   बाह्मणजण   अच्छिद्रकाण्ड   ब्राह्मणपथ   ब्राह्मणवचन   ब्राह्मणावेक्ष   यंकणा   द्विजेंद्र   पंच ग्रंथ   शम्याक   वेदाधिदेव   हस्तिघट   सवकाण्ड   सवाशे   अद्भुतब्राह्मण   अधिमात्रकारुणिक   अनुपदसूत्र   कूळ ठेवणें   बामुरडा   ब्राह्मणप्रसङ्ग   ब्राह्मणबध   ब्राह्मणविधि   ब्राह्मणस्वर   मन्त्रब्राह्मणविद्   देवताध्याय   दोरेकार   पञ्चविंशब्राह्मण   पोकळधोत्र्या भट   शाट्यायनक   वाग्ब्राह्मण   शतपथीय   ज्येष्ठब्राह्मण   बांभुरडा   द्विजेन्द्र   द्विजेश   वास्तुपश्य   त्रयीमुख   अग्निरहस्य   गोपथ   सामविधानब्राह्मण   साचिकाण्ड   आटासाटा   आम्मा सवाशिणि आनु ब्राह्मणु   आरण्यककाण्ड   आरुणपराजिन्   अध्वरकाण्ड   अनुब्राह्मण   अनुब्राह्मणिक   तपोत्सुक   काण्णव काण्हव   उखासंभरण   अरुणकेतुब्राह्मण   अविकंपन   एकपादिका   कुंकडाक जोइशि इत्‍याक, मांकडाक भट्‌टु इत्‍याक?   कुडजार   दासीश्रोत्रिय   ब्रह्मर्षी   ब्राम्हण वंदावे वंदावे । कदापि न निंदावे ॥   ब्राम्हण शूद्राच्या तुटातुटी, तेणें वाढल्या कटाकटी   ब्राह्मणलिङ्ग   ब्राह्मणवत्   ब्राह्मणादिकजाति   भुसुर   भूदेव   भूसुर   नंबुद्री   नंबुरी   नंबूरी   पञ्चद्राविडजाति   पलाश दंड   पांथकार   रुगु   शानभोग   समानब्राह्मण   षष्टिपथ   वंशऋषि   वलया   धोत्र्या   निरप्र   नृदेव   वंशब्राह्मण   सवाशीण   सवाष्ट   सवाष्णी   अदृश्यंती   चौबा   ऋग्वेदी   बामन   श्रोती   श्रोत्री   सुपारी देणें   हां हां म्हणतां   आर्षेयब्राह्मण   अजामील   अध्यन   अनुब्राह्मणम्   चातुर्होत्रीयब्राह्मण   चार घरां मागली, धा घरा मागली, भटालो सवाय शेर तो सवाय शेरच   चिपुळणा   चिपोळा   चीत होणें   तांडि   कारकोळी   कारकोळ्या   अनृहवत्   अब्रह्मण्यम़्   कनफुंकवा   ऋथु   बारा पांच   दर्याह   बृहदारण्य उपनिषद   बृहदारण्यक उपनिषद्   ब्रह्मगार्ग्य   ब्रह्मर्शी   ब्राह्मणजाति   ब्राह्मणजातीय   ब्राह्मणजीविका   ब्राह्मणसंस्थ   ब्राह्मणहित   ब्राह्मणाची लाडीगोडी, अन् शूद्राची झोडाझोडी   ब्राह्मणाभ्युपपत्ति   ब्राह्मणायण   ब्राह्मणिक   ब्राह्मणेटा   बटक्या   बरें पाहणें   भवभुती   भागान्य   भाणा   भादव्यांत भट्‌टू, आश्र्विनांत तट्‌टू (पुष्‍ट होतात)   भूल येणें   भूली येणें   मादिजन   मुनिशर्मन   मुळे   म्हाराज   मन्त्रब्राह्मण   त्रैंश   नइस   कोरडी सवाशीण   कौथुमक   पुंडलिक   पुरुत्कुत्स   रौरुकि   रुन्द   विद्याचंड   शातपथ   संचिति   वर्णचतुष्टय   वर्णहीण   वौंश   हरिस्वामिन्   सवाष्ण   शतपथब्राह्मण   खळेंभट   जंबू   चचकारा   ठाणांतरी   बामण   दाखवता   माषशरावय   हरिदत्त   अंबष्ट   गौड़ सारस्वत   हात बघणे   सुसामन   सर्वजनि   अनसखरी   अनुब्राह्मणिन्   गयापुत्र   जनै   जयस्वामिन्   चिपोळणा   अनुव्याख्यान   अवडता   ऐतरेयब्राह्मण   कुमारहारित   दहकन   दुबळयाची मरूं नये बाईल, गिरेस्थीचा मरूं नये घोव   बृहदारण्य   ब्राम्हण झाला जरी भ्रष्ट । तरी तो तिन्ही लोकीं श्रेष्ट ॥   ब्राह्मणकल्प   ब्राह्मणता   ब्राह्मणयष्टिका   ब्राह्मणातिक्रम   भूमिदेव   माध्यंजन   मिश्रा   मैथील   यदनिमित्यें   देवमुन   नेबाद   पंचग्रंथ   कौषीतकिब्राह्मण   रौद्रकेतु   शिजय   षड्विंशब्राह्मण   संतुष्ट करना   शतपथ   कार्तिकस्‍वामी   कंकतीय   आचारी बामनाचा, अन् फराळ चोमनाचा   वेदशर्मन्   गौड़   सिद्धसमाधि   सुदरिद्र   हेभप्रभावती   हेमप्रभा   सौजात   आनंदमय   आरवा   अडनाव   छद्मिन्   जनेऊ   चितपावन   तलव   ठीकेठीक   डागुरबाणी   डोळ्यांत खुपणें   डोळ्यांत सलणें   किंचिद्दान   अनुवेश्य   अपरसूर्य   कनोजा   कन्होजा   बामणी कावा   बृहदारण्यक   बृहदारण्यकोपनिषद्   बृहद्वसु   ब्रह्मचर   ब्रह्मप्रेत   ब्राह्मणाच्छंसिन्   ब्राह्मणात्मक   ब्राह्मणादर्शन   भटाचें वर्म जानव्यांत   भटाच्या पोराला जन्मतःच मुहूर्त नाहीं   भड्डर   भतहा   बर्कु   माहन   मिथिलायारि   मुंज्या   मेसाई   मेसा देवी चोरास धारजिणी   मेसाबाई   मल्लाह जाति   महापात्र   दंपति   दंपत्य   नयनीं कण खुपणें   दूर्व   देवतरस   द्विजः   पगडीवाला   पडदणी   कौषीतक   पुखानंद आणि सुखानंद   पदं कळनातिलो भागवत न्हयिं, मंत्र येनशिल्लो भटु न्हयिं   पुरेत   राधगौतम   विभिंद्रक   शायस्थि   सक्तुप्रस्थ   सत्कर्तृ   समाराधन   वर्णज्येष्ठ   वैषुवत   हरिशर्मन्   गोब्राह्मण   गोळक   घवघव   घवघवां   घाटया   सोमशुष्म   जानवें तोडावयास उठणें   जानवें तोडून घेणें   जानव्यास हात घालणें   अनलमुख   खळभट   डाकुता   डाकुलता   डाकोचा   डाकोता   काकभुशुंडी   उभ्या पायानें   कुशीबल   दशग्रंथ   दाकवचा   दाकवता   दाकोचा   दाकोता   यजुः   मनोता   महाब्राह्मण   प्राचीनशाल   द्रोणाचार्य   द्विजपति   नित्यहोम   विष्णुवृद्ध   वेदगर्भ   श्रोत्रीय   शाट्यायनि   द्विज   कुडाळ   कोचरश   हांहां   सौकारायण   सवाशा   सहस्त्रचित्त्य   गांदम   आराध्यब्राह्मण   जातीचा   जेविता ठाव टाकणें   अडनांवाचा   खिजणें   अष्ट मंगल   अष्टमान   जमिनीवर न मावणें   जयशर्मन   चातुर्वर्ण्य   तिरश्वी   तिवारी   काकभुशुंडि   अभिश्रवण   कपालभरण   करशुद्धि   इरेश   उघडे हिंडणें   अमरद्विज   अवाँसी   कूळहीण   बोहल्यावर का रंडकी होईना, भटास दक्षिणा मिळण्याशीं कारण   ब्राह्मणचाण्डाल   ब्राह्माहोरात्र   ब्रुव   भद्रतनु   बम्मनकी गई बछडी, रावणकी गई लंक, दोनो दुःख समान है, ओ राजा ए रंक   मानुतंतव्य   मामदी   माहकि   माहित्थ   मुंजी   मेघशर्मन्   मेसादेवी   रत्निन्   प्राश्नीपुत्र   तेरही   तेलंगभट   दंपती   न गच्छेद्‌ ब्राह्मणत्रयम्‌।   देवब्राह्मण   द्रविड़   नित्यावळ   खड्गधर   पावना   पुरुहन्मन्   पौलुषि   पौष्पिण्डय   प्रणामी   राजन्यर्षि   रानोमाळ   राळ करणें   विलपणें   शाङ्खायन   शैलालि   शौनकिन्   वरुथ   शर्मिन्   ग्लाव   सोमशर्मन्   अभयदक्षिणा   कट्टर   कुलकर्णी   ब्रह्मवर्चस   यज्ञशर्मन्   पट्टीचा वैदिक   कौथुमि   ब्राह्मणी   विप्र   कान्यकुब्ज   यस्क   प्रैयमेध   अग्निष्टोम   खैरभट   चौबे   तांडय   उरुक्षय   दुंदुभिनिह्राद   भलंदन   प्रतीदर्श   शांडिल्यायन   शिखी   शतपथिक   अंबार   घाट्या   हारिद्रव   हुसेनी   सुमेध   सौरभेयी   सांकृति   सांवडणें   गृह्याग्नि   आवसा   जोसी   ज्योतिषी   अजीगर्त   अठरा वर्ण   
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