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जलोदरहरव्रत

रोग हनन व्रत - जलोदरहरव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


जलोदरहरव्रत

( मन्त्नमहार्णव ) - मिट्टी या भस्मसे माँजे हुए ताम्रादिके महापात्रको जलसे पूर्ण करके उसका पञ्चोपचार पूजन को और उसी जलसे शिवजीका सहस्त्रघटाभिषेक करे तथा सौ ब्राह्मणोको भोजन करावे । अथवा सोना, चाँदी, ताँबा और जलधेनुका दान करके गुड़, घी और गोधूमके पदार्थोंका एकभुक्त भोजन करे ।

सहस्त्रकलशस्त्रानं महादेवस्य कारयेत् ।

भोजयेच्च शत्तं विप्रान् मुच्यते किल्बिषात् ततः ॥ ( मन्त्नमहार्णव )

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Last Updated : January 16, 2012

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