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पाकिस्तानः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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स्नेहः
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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amicable
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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cordial
Meanings: 12; in Dictionaries: 5
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खण्ड्
Meanings: 9; in Dictionaries: 3
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friend
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
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मदनमालाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः ८२
योगवासिष्ठः
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३४१ - ३६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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कालविलास - सर्ग १०
कालविलास हास्य प्रहसन का एक अत्युत्तम ग्रंथ है ।
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शृङ्गारप्रवाहः - सुभाषित ९८१ - १०००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ६६ - ७०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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अध्याय ४१ वा - श्लोक ४६ ते ५२
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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किष्किंधाकांडम् - काव्य १ ते ५०
किष्किन्धाकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील चवथे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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श्रीगुणरत्नकोशः - श्रीपराशर भट्टार्यः श्रीर...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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उत्तरभागः - अध्यायः ३१
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३२४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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हरिशर्माख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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सुभाषितरत्नकोशः - विरहिव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः १२४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः १२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः २२३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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रामचरितमहाकाव्य - तृतीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४३१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मित्र लाभः - कथा ३
हितोपदेश भारतीय जन- मानस तथा परिवेश से प्रभावित उपदेशात्मक कथाएँ हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल व सुग्राह्य हैं।
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