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सुपार्श्व
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सुपार्श्वः
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ସୁପାର୍ଶ୍ୱ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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সুপার্শ্ব
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ਸੁਪਾਸ਼ਵਰ
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સુપાર્શ્વ
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سُپارشو
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सुपार्श्व नाथ
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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सुस्तुत
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ५
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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सुपार्श्वक
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कुन्ति
Meanings: 14; in Dictionaries: 3
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ५
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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स्कंध ५ वा - अध्याय १६ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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प्रहस्त
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ८३
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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अध्याय १०८ - भुवनकोषः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात देवालय निर्माणच्या हेतु विषयांत में आख्यान दिले आहे.
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द्वारकामाहात्म्यम् - अध्याय १७
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २६५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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काशी
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स्कंध ९ वा - अध्याय २१ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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विश्वजितखण्डः - अध्यायः ४३
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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प्रथमपरिच्छेदः - एकादशोऽध्यायः
'पाञ्चरात्रागमः' एक उत्कृष्ट रचना.
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प्रथमपरिच्छेदः - एकादशोऽध्यायः
प्रकाशसंहिता
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सेतुखण्डः - अध्याय ६
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय १३
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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श्रीदत्तात्रेयकल्पः - दत्तसहस्त्रनाम
‘ श्रीदत्तात्रेयकल्प :’ अतिशय दुर्मिळ ग्रंथ असून याप्रमाणे श्रीदत्ताची पूजा केल्याने मानवाच्या सर्व विकृत बाधा नष्ट होतात .
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चित्ररथ
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पुराणों में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका
पुराणों में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका
पौराणिक साहित्य में निर्दिष्ट विभिन्न वंशावलियों का निर्देश इससे पहले ही किया जा चुका है । इन राजाओं की जो जानकारी उपलब्ध है, उससे उनका निश्चित कालनिर्णय एवं उनके समकालीन अन्य राजाओं की पर्याप्त जानकारी प्राप्त होती है ।
इसी जानकारी को मूलाधार मान कर पौराणिक साहित्य में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका अगले पृष्ठ पर दी गयी है, जहाँ इन राजाओं की नामावलि सूर्य एवं सोम वंशों के विभिन्न उपशाखाओं के अनुक्रम से दी गयी है।
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कथाकल्पतरू - स्तबक ७ - अध्याय ११
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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दत्तभक्त - अक्कलकोटचे स्वामी
महान् व्यक्तिंची चरित्रे नेहमीच प्रेरणादायी असतात. दत्तात्रेयांच्या पौराणिक शिष्यांची वा भक्तांची ओळख येथे केलेली आहे. हे दत्तभक्त अवतारी पुरूष म्हणून ओळखले जातात.
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संकेत कोश - संख्या १२
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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१२
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः २१
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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देवी
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रावण
Meanings: 60; in Dictionaries: 11
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भीमसेन
Meanings: 68; in Dictionaries: 7
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राम
Meanings: 222; in Dictionaries: 12
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