Dictionaries | References

यत्

   { yat }
Script: Devanagari

यत्     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
यत्  mfn. 1.mfn. (pr. p. of √ 5.) going, moving, [RV.] &c. &c. (अब्दे यति, in this year, [L.] )
यत्   2.cl. 1. Ā. (prob. connected with √ यम् and orig. meaning, ‘to stretch’ [Dhātup. ii, 29] ) य॑तते (Ved. and ep. also P.°ति; p.य॑तमान, य॑तान and यतान॑, [RV.] ; pf.येते, 3. pl.येतिरे, ib. &c.; aor.अयतिष्ट, [Br.] ; fut.यतिष्यते, [Br.] , °ति, [MBh.] ; inf.यतितुम्, [MBh.] ; ind.p.-य॑त्य, [MBh.] ), (P.)
to place in order, marshal, join, connect, [RV.] ;
(P. or Ā.) to keep pace, be in line, rival or vie with (instr.), ib.;
(Ā.) to join (instr.), associate with (instr.), march or fly together or in line, ib.;
to conform or comply with (instr.), ib.;
to meet, encounter (in battle), ib.; [Br.] ;
to seek to join one's self with, make for, tend towards (loc.), ib.;
to endeavour to reach, strive after, be eager or anxious for (with loc.dat.acc. with or without प्रति, once with gen.; also with अर्थे, अर्थाय, अर्थम् and हेतोस्ifc.; or with inf.), [Mn.] ; [MBh.] ; [Kāv.] &c.;
to exert one's self, take pains, endeavour, make effort, persevere, be cautious or watchful, ib.;
to be prepared for (acc.), [R.] :
Caus. (or cl. 10. [Dhātup. xxxiii, 62] ) यात॑यति (or °ते; aor.अयीयतत्; Pass.यात्यते),
to join, unite (Ā. intrans.), [RV.] ;
to join or attach to (loc.) P.[PañcavBr.] ;
to cause to fight, [AitBr.] ;
to strive to obtain anything (acc.) from (abl.), [Mālav.] ;
(rarely Ā.) to requite, return, reward or punish, reprove (as a fault), [RV.] &c. &c. ;
(Ā.) to surrender or yield up anything (acc) to (acc. or gen.), [MBh.] ;
(P.Ā.) to distress, torture, vex, annoy, [BhP.] ;
accord. to [Dhātup.] also निकारे (others निराकारे or खेदे) and उपस्कारे:
Desid.यियतिषतेGr.:
Intens.यायत्यते and यायत्ति, ib.
यत्   a in comp. for यद्.

यत्     

यत् [yat]   1 Ā. (यतते, यतित)
To attempt, endeavour, strive, try (usually with inf. or dat.); सर्वः कल्ये वयसि यतते लब्धुमर्थान् कुटुम्बी [V.3.1.]
To strive after, be eager or anxious for, long for; या न ययौ प्रियमन्यवधूभ्यः सारतरा- गमना यतमानम् [Śi.4.45;] [R.9.7.]
To exert oneself, persevere, labour.
To observe caution, be watchful; यततो ह्यपि कौन्तेय पुरुषस्य विपश्चितः [Bg.2.6.]
Ved. To excite, stir up, rouse.
To join. associate with.
To go, proceed. -Caus. (यातयति-ते) To return, rapay, requite, recompense, restore.
To despise, censure.
To encourage, animate.
To torture, distress, annoy.
To prepare, elaborate.
Ved. To join unite.
To cause to be returned or restored.
यत् [yat] a.  a. Going, moving; स्थितं च यच्च (ब्रह्मणो रूपे) [Bṛi. Up.2.3.1.]

यत्     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
यत् (ई) यती   r. 1st cl. (यतते) To resolve or determine in consequence of a wish or desire, to apply or endeavour strenuously, to energize, to persevere.
यत् (ई) यती   r. 10 cl. (यातयति-ते)
यत् (ई) यती   1. To distress or afflict.
यत् (ई) यती   2. To beat.
यत् (ई) यती   3. To order.
यत् (ई) यती   4. To collect, to assemble.
यत् (ई) यती   5. To work, to make or manufacture.
यत् (ई) यती   6. To prevent, to remove.
यत् (ई) यती   7. To return, to give back, to requite.
यत् (ई) यती   8. To barter or exchange.
यत् (ई) यती   9. To purify.
यत् (ई) यती   10. To encourage.
यत् (ई) यती   With निर or वि prefixed, To chastise, to punish, to inflict pain.
यत् (ई) यती   With निस् or प्रति,
यत् (ई) यती   1. To restore.
यत् (ई) यती   2. To requite.
यत्   Ind. Because as, since, wherefore, correlative of तत् thence, there- fore, &c.
E. यत् to check, to restrain, क्विप् and तुक् affs.
ROOTS:
यत् क्विप् तुक्

यत्     

See : आयस्

Related Words

यत्   यत् दृष्टं तत् नष्टं   struggle   जयद्   वियच्   वियद्   वियन्   संयद्   अच्छावाक्य   आकुलय   माणव्यम्   समायत्त   शर्य्या   स्कन्दयत्   bandbox   अंशयत्   सिक्य   सान्त्वयत्   अणव्यम   अनपहार्य   चिन्तयत्   तिन्तिडीफलम्   कादम्बर्य्य   काश्मर्य्य   अनुवंश्य   अनेकवर्णक   अभिवर्धमान   उत्तमार्द्ध्य   कण्डूयत्   कलयत्   अवरार्द्ध्य   एकवेत्रिन्   कीर्त्तयत्   कुशं   कृत्रिमतया   बाडव्य   भक्षयत्   भर्म्मण्या   यद्वातद्वा   योधयत्   मन्त्रयत्   मर्य्या   प्राप्यम्   दमन्य   धियाय   निर्धरित   क्षालयत्   खगभक्ष्यम्   पालयत्   प्रज्वालक   रूपयत्   विश्वगत   शुटीर्य्य   सन्नाह्य   व्यथयत्   overstrain   दिव्यास्त्रम्   यत्कर   conciliatory   अंश्य   बृहन्मरिचः   मुसल्य   यत्य   यात्य   पुष्पविक्रेतृ   almond   musing   noiseful   chain-work   अकर्म्मण्य   अङ्कीयसङ्गणकम्   अङ्गलीड्य   ग्लायत्   घटीयन्त्रसूचिः   घातयत्   चकासयत्   whereas   हस्य   हेमन्तः   ह्रेपयत्   सुस्थयत्   सोदर्य्य   स्खलितम्   सम्मितियसङ्गणकम्   साङ्केतिककथनम्   गायत्   आतङ्कवादः   आदर्य्य   आमिक्ष्यम्   आलुः   जीर्णवस्त्राणि   ज्वलयत्   अतिशायनम्   अदत्तम्   अध्वन्य   अनवरार्ध्य   अनिर्वार्य   अनुपरिवर्तित   खुरचिह्नम्   गगनभेदिन्   गमयत्   अवैधकार्यम्   अव्रत्यम्   अश्वाय   अष्टक्य   असामाजिक कार्यम्   आचर्य्य   छलयत्   जनयत्   चण्डीगडनगरम्   चरमाभिसन्धिः   चर्व्य   चायविक्रेतृ   चिरहरित   तमाखुनालिः   तर्कयत्   तर्क्ष्य   तुर्य्य   कानपुरनगरम्   अनूप्य   अपच्छिन्न   अपवित्रस्थानम्   अपृथ्वीज   अभिशब्दय   अभिसंयत्त   उत्खण्डित   उत्तरधेय   उदीर्य्य   उद्देश्यः   उद्भासयत्   उपगीय   उपसर्य्या   कडङ्करीय   कण्ठनीडकः   कण्ठाभूषणम्   कदरः   कर्णीत्तन्शः   आसेध्य   इन्द्रप्रस्थः   अमिताभः   अयतत्   अलासः   अलोहितः   अवधार्य्य   अवरोहि   अविगृह्य   एजयत्   कुल्लूनगरम्   कुसुमयत्   बाणिज्य   बाह्येन्द्रियम्   दवयत्   दशकृत्वः   दिधक्षयत्   दुःखग्रस्त   बृहज्जालनी   फल्य   भावयत्   भासयत्   भूपरिवेष्टित   भ्रामयत्   महाविक्रयमूल्यम्   महावीज्य   मालदानगरम्   मालिकाः   मित्रीयत्   मेलयत्   यतत्   युवराज्य   यूपाहुतिः   योजकचिह्नम्   रथगुप्तिः   मतदानम्   मताधिकारिन्   मध्यमकोष्टकम्   महानल्वम्   प्रतिस्पश   प्रत्यास्थ   प्रध्वनयत्   प्रमाणयत्   प्रवादभूत   प्रसादयत्   प्राणबाधः   प्राणयत्   प्रावरकम्   प्रास्थानिकः   त्रायन्ती   दण्डयत्   ध्वनिवर्धकम्   नड्या   दूर्य्य   दैनिकवार्तापत्रम्   धनपत्रम्   धनरूपसहाय्यम्   नाशयत्   निरूपयत्   निर्णेता   निवारयत्   निवेशयत्   निशमयत्   निशीथ्या   नेदयत्   न्यायः   पञ्जाबः   क्षपयत्   क्षालनयन्त्रम्   पादाभूषणम्   पिचव्य   पिशुनतापुष्पम्   पुत्त्रीयत्   पुत्त्र्य   परायति   परिव्राज्य   पवित्रस्थानम्   पुरातनपन्थिन्   पेशीभित्तिः   प्रकम्पयत्   प्रतिग्राहि   प्रतिदेयम्   लम्भयत्   राजनैतिकदलम्   वाठ्य   वादयत्   वाहयत्   विकल्पयत्   विदारयत्   विधव्य   विनाशयत्   विरेच्य   विलोकयत्   विवर्ज्जयत्   विशीर्य्य   विश्वगायत्   विश्वरूपम्   विष्टम्भकारक   विस्मर्य्य   विहायसःस्थली   विहायसस्तल   शिक्ष्य   शुण्ठ्य   सङ्ख्येय   सञ्जनयत्   सन्दर्शयत्   सन्द्रावकः   समानोदर्य्य   समुद्रोपप्लुतः   समुन्नयत्   संवंहयत्   वजीफापाठः   वर्त्तयत्   वल्गूयत्   वल्ल्या   वेश्यम्   व्यञ्जयत्   व्यापारयत्   शमयत्   स्थापयत्   स्फावयत्   स्मृतिस्थानम्   हरिणचर्मन्   हरितायत्   हरिद्राचूर्णम्   अत्य   मास्य   यवक्य   वीर्य्य   giblets   अक्षुध्य   wherefore   होम्य   सुविन्यस्त   सौहार्द्यम्   सादयत्   साधयत्   गुणनकोष्टकम्   गृहरक्षकदलम्   आतिवाहिकम्   आमिक्ष्य   अद्भुतम्   अधिषवण्या   अनुपृष्ठ्य   आग्रहः   जाग्रिया   चतुष्पञ्चाशत्तम   चर्त्त्य   चर्व्व्या   अभावपदार्थः   अभियातिन्   उत्सर्या   उम्य   कर्म्मण्य   कर्षयत्   उच्चार्य्य   उच्छ्रेय   अवकृष्य   अवचार्य्य   अविमोक्य   उष्य   ऊधस्य   बहुमूल्यता उपकारः   बहुव्रीहिः   दित्य   बोधयत्   बरनालामण्डलम्   भस्मासुरः   यतन   यदनिमित्यें   रज्जुः   मर्त्त्य   प्रयोजयत्   प्राक् सूचय   तृण्या   त्रायत्   दमयत   दरणीय   ध्यायत्   ध्वनयत्   नन्दयत्   देसायी   द्विहल्य   निजिघृक्षयत्   नित्यः   निर्य्यातित   निर्व्वर्त्य   निर्व्वास्य   पञ्चनिर्णयः   कोशिका झिल्लिका   क्षालनीय   पारयत्   पुरम्   पुरोडाश्य   प्रणयत्   रहस्यमय   रेत्य   रेलयानकम्   वाट्या   विडम्बयत्   विप्रमोच्य   विवास्य   विश्वयुद्धम्   समाजवादः   समादेय   समावेद्य   श्वशुर्य्य   संलक्ष्य   संस्तम्भयिता   लोहकङ्कणम्   व्यनुनादयत्   शकशकायत्   स्वरितः   हफीजाबादमण्डलम्   ऋणम्   यत्त   fulfilling   gazing   geographer   fighting   echoing   investigating   possessing   bank-bill   अंस्य   अङ्ग्य   ग्लेय   साम्यवादः   हस्तिकक्ष्य   सूर्क्ष्य   सम्भव्य   सर्वेक्षणम्   गात्रमार्जनी   आमनस्य   आर्घ्य   अणव्य   अतिक्रम्य   अनरण्यः   अनाशस्त   अनुद्यत   अनुपानम्   गन्तव्यम्   अविवाक्य   अव्य   असंयोगः   आकाङ्क्षणीय   आक्रन्दः   आगम्य   जनान्तिक   जयत्   चन्द्रबिन्दुः   तडागीय   ततः   कारयत्   अनुवेश्य   अनूद्देश   अपूप्य   अप्रसाद्य   अप्सव्य   अभियायिन्   उदक्या   उदर्य   उर्वर्य   rustling   कख्या   अर्हः   अलङ्कारः   अवधातव्य   अवमूत्रयत्   अवशस्   अवसथ्य   ऊह्य   औदर्य   औष्ठ्य   कुलत्थः   कुशूलः   दुर्भिक्षम्   दूत्य   बध्य   माणव्य   मानव्य   मेलबर्ननगरम्   मेसोपोटेमिया   मोच्य   मोदयत्   यतनीय   यतमान   यवसुरा   यस्य   यातन   यातयज्जन   योगक्षेमः   मङ्गलसूत्रम्   मत्यम्   महापातकम्   प्रतिवाक्य   प्रभामण्डलम्   प्रयागः   प्रसमीक्ष्य   प्रसाध्य   प्रहासः   प्रातःकर्म   प्रातिकूल्यम्   प्रासङ्ग्य   धारकः   धुर्य्य   नमयत्   दृशाकाङ्क्ष्य   दैनन्दिन   दैवयोगः   द्रम्मम्   धनादेशपत्रम्   निषेधः   निष्पाद्य   निष्पीडित   नैमेय   पाश्या   परावर्त्त्य   पस्त्य   पौर्व्वार्द्धिक   प्रतिपाल्य   लव्य   राजवंश्य   वारुण्य   विगर्ह्य   विगानम्   विज्ञाय   वितर्क्य   विनशनम्   विप्रतिपद्य   विशेषः   विशेषणम्   विसर्पः   वीज्य   शारङ्गी   शीभ्य   सत्यवद्य   समानयत्   संय   संशोध्य   वंशवज्रा   वञ्च्य   वर्ज्ज्य   वल्मीकः   वस्त्य   वाग्यत   वेश्यं   वैमेय   शङ्क्य   स्तेयम्   स्थालीबिलीय   स्रोतस्य   हर्म्म्य   lighting   सिद्धान्तः   खल्या   जय्य   कश्य   अभाविन्   soever   ऊरव्य   दिश्य   माष्य   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP