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दुनया भुकी मरती है, घी

   
Script: Devanagari

दुनया भुकी मरती है, घी

   शक्कर क्यौं नही खाती
   धान्य न मिळाल्यामुळें उपाशी मरणारे लोक उपाशी कां मरतात, ते तूपसाखर कां खात नाहींत ? असं विचारणार्‍या मनुष्यास एवढेंहि कळत नाहीं कीं, ज्यास साधें धान्य मिळत नाहीं त्यास तूपसाखर कोठून मिळणार.

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