Dictionaries | References म मुदलसे बियाज प्यारा होता है Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 मुदलसे बियाज प्यारा होता है मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | Marathi Marathi | | ( हिं.) मुदलापेक्षा व्याजावर जास्त प्रेम असतें. Related Words मुदलसे बियाज प्यारा होता है प्यारा होता पंची प्यारा जीव प्यारा असणें होतृ चहल पहल है-हाल्ला होता कीं नव्हता करणें होता जिवा म्हणून बचला शिवा होता जिवा म्हणून वांचला शिवा दया धर्मका मूळ है प्यारा व्यक्ति है யாகப்பொருட்களை போடுபவர் दिवसभर वाचली गीता, रात्रीचा गोंधळ बरा होता आधीं होता मठ, त्याला घातला तट आपना घर दूरसे सुझतां है beloved loved one dearest लढो बाप रोटी पकती है ! ज्याचा त्याला जीव प्यारा ହୋତା হোতা હોતા ਹੋਤਾ ഹോതാവ് आपने बछड्येके दांत कोसोसे मालूम होते है खराब होता होता काळ होता माल आपने गल्लीमे कुत्ताभी शेर है ਚਹਿਲ-ਪਹਿਲ وۄسہٕ درٛۄسہٕ आधीं होता वाघ्या। मग (दैवयोगें) झाला पारया।। त्याचा येळकोट राहीना। मूळ स्वभाव जाईना।। ठीक है बराबर है कम होता हुआ बुढ्ढाबाला बराबर होता हैं दुनया है, और खुशामद है सबसे जान प्यारी, सबसे जीव प्यारा decreasing ஆரவாரம் হৈচৈ ଗହଳଚହଳ ಜನ ಸಂದಣಿ अल्ला यार है बेडा पार है बखतवारी उडगई है, बुलंदी रह गई है नफा दिसता है, मुद्दल घुसता है honey बनिया तो कुछ देते बी नहिं, लेकिन आप कहते है पुरा तोल उंट बडबडातेही लादते है शौकदाद इलाही है वल्लीको वल्लीही पछानता है आग पानीको वैर है आग पानीको हाडवैर है जात खुदाकी बेअयब है दियाही आडे आता है दिलपर दिल ऐना है जबान तले जबान है मुफलससे सवाल हराम है फतहा दाद इलाही है नंगेमे खुदाभी डरता है प्रीतकी रीत न्यारी है साहेबका घर दूर है కోలాహలం आधीं होता ठोंब्या, मग झाला बाब्या आधीं होता मठ, त्याला बांधला तट काळ आला होता पण वेळ आली नव्हती ईश्र्वर होता पाठमोरा, नसतीं विघ्नें येती घरा गाढवापुढें वाचली गीता, रात्रीचा गोंधळ बरा होता गाढवापुढे वाचली गीता, कालचा गोंधळ बरा होता तुझ्या हाताला का इंचु डसला होता? बाजीराव होणार होता, पण कोंबडा पादला मूर्खापुढें वाचली गीता, रात्रीचा गोंधळ बरा होता होता देवाच्या भेटी, तेणें तुटती जन्माच्या गांठी dear जो दब जाता है, संसार उसेहि दबाता है आटा तोल, ठिकरी जलती है आदमी का सैतान आदमी है आपना वकर आपने हात है खुदाके घरसे फिर आये है कानमें तेल डाल बैठे है आज है सो कल नही दिल्ली तो बहोत दूर है दुनया भुकी मरती है, घी जहांके मुरदे वहांही गाडते है मारमारके जाय, फताहदाद इलाही है बछडा खुंटेके बळ नाचता है पके बडके तले, मरणेवाले है हाथीका वोझा, हाथीही उठाता है सोतेको सोता, कब जागता है बम्मनकी गई बछडी, रावणकी गई लंक, दोनो दुःख समान है, ओ राजा ए रंक गोर्ह्याच्याने शेत आणि पोराच्याने संसार होता तर मग काय सार्या रात सांगितली गीता, रातचा गोंधळ बरा होता ধুমধাম ધામધૂમ चहलपहल आपने आपने ख्यालमे सबही मस्त है Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP