Dictionaries | References ब बखतवारी उडगई है, बुलंदी रह गई है Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 बखतवारी उडगई है, बुलंदी रह गई है मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | Marathi Marathi | | ( हिं.) पैसा गेला अभिमान राहिला. Related Words बखतवारी उडगई है, बुलंदी रह गई है चहल पहल है-हाल्ला दया धर्मका मूळ है है आपना घर दूरसे सुझतां है लढो बाप रोटी पकती है ! बात रह जाती है, बखत नहीं रहता आपने बछड्येके दांत कोसोसे मालूम होते है रह रह कर रह रहकर बम्मनकी गई बछडी, रावणकी गई लंक, दोनो दुःख समान है, ओ राजा ए रंक ਚਹਿਲ-ਪਹਿਲ وۄسہٕ درٛۄسہٕ बखतवारी बुलंदी ठीक है बराबर है दुनया है, और खुशामद है ஆரவாரம் হৈচৈ ଗହଳଚହଳ ಜನ ಸಂದಣಿ मैका गई स्त्री पीहर गई स्त्री मायके गई स्त्री अल्ला यार है बेडा पार है नफा दिसता है, मुद्दल घुसता है गई रह बनिया तो कुछ देते बी नहिं, लेकिन आप कहते है पुरा तोल उंट बडबडातेही लादते है शौकदाद इलाही है वल्लीको वल्लीही पछानता है आग पानीको वैर है आग पानीको हाडवैर है जात खुदाकी बेअयब है दियाही आडे आता है दिलपर दिल ऐना है जबान तले जबान है मुफलससे सवाल हराम है फतहा दाद इलाही है नंगेमे खुदाभी डरता है प्रीतकी रीत न्यारी है साहेबका घर दूर है కోలాహలం जो दब जाता है, संसार उसेहि दबाता है आटा तोल, ठिकरी जलती है आदमी का सैतान आदमी है आपना वकर आपने हात है आपने गल्लीमे कुत्ताभी शेर है खुदाके घरसे फिर आये है कानमें तेल डाल बैठे है आज है सो कल नही दिल्ली तो बहोत दूर है दुनया भुकी मरती है, घी जहांके मुरदे वहांही गाडते है मारमारके जाय, फताहदाद इलाही है मुदलसे बियाज प्यारा होता है बछडा खुंटेके बळ नाचता है पके बडके तले, मरणेवाले है हाथीका वोझा, हाथीही उठाता है सोतेको सोता, कब जागता है कुळारवाशीण माहेरवाशीण مالیُن گمٕژ زنان ತವರಿಗೆ ಹೋದ ಹೆಂಗಸರು ধুমধাম ધામધૂમ चहलपहल आपने आपने ख्यालमे सबही मस्त है गद्धेभी जवानीमें, भले मालूम देते है एक मच्छली सारी झीलको गंदाती है सय्या भये कोतवाल अब किसकी डर है अबतो पत्थर के नीचे हात दबा है अल्ला दोमेसें एक देवे तो कबूल है जो गरजता है, सो बरसता नही दिल लगा गद्धीसे), पदमीन क्या इयांट है दिल लगा मेंडकीसे, पदमीन क्या चीज है जनाब, देहली तो बहोत दूर है जांके संग दसवीस है तांको नाम महंतः तूं इमानसे गाव, हम सोता है बियाह न कीया, बराततो देखी है बीयाह न कीया, बराततो देखी है मिया गिरगये लेकिन् पाव तो उच्चा है बनिया भी आपना गूड छुपाकर खाता है दोनो हातो पगडी संभालाने पडी है प्रीत जडे मेंडकीसे पद्भिनी क्या झ्यात है प्रीत जडे मेंडकीसे पद्भिनी क्या माल है सैय्या भये कोतवाल अब किसकी डर है सो कव्वोमे एक बगलाभी सरस है सोनेकी चेडी (चिडिया), हात लगी है हजार आफत है, एक दिल लगानेसें गडमें गड चितोडगड और सब गढैया है, तालमें ताल भोपालताल और सब तलैंया है गद्धीसे प्रीत जडी तो पद्मीन क्या है झ्याट काजीजी दुबले क्यौं? तो दुनियाकी फिकीर लगी है एक एक मुस्किलके, हजार हजार आसान रखे है जहां सुई नही जाती, वहां मुसली चलाती है मूरख मूरख राज करत है, पंडित फिरत भिकारी म्हैसके आगे बीन बजाव, ओ बागूल करिती है Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP