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K

Kávyaprakâsa.

Kávyaprakâsa.;Kāvyaprakāśa;Kāvyaprakāśa  
Variations : काव्य प्रकाश; काव्यप्रकाश; K. P. ; K. P. ; Kpr.; Kāvyapr.

      ६१         अङ्गम्   अच्युत   अजहत्स्वार्था   अञ्जन   अतद्गुण   अतिशयिन्   अदोष   अधम   अधरदल   अधर्म   अधिक   अध्यवसानम्   अनभिहितवाच्य   अनवस्थ   अनवीकृत   अनिवर्तिन्   अनुकूल   अनुदार   अनुप्रास   अनुबन्ध्य   अनुभाव   अनुमानम्   अनुवाद   अनुसर्तव्य   अनेक   अनेड   अनौचित्यम्   अन्तर्धानम्   अन्तर्भाव   अन्तर्भू   अन्वित   अपचि   अपदार्थ   अपर   अपसृ   अपह्नुति   अपुष्ट   अप्रतीत   अप्रस्तुत   अप्राकरणिक   अप्राप्ति   अभङ्गश्लेष   अभवत्   अभिधा   अभिधित्सा   अभिधेय   अभिमुखीकृ   अभेद   अभ्यास   अमत   अमतपदार्थ   अमरावती   अम्बु   अयस्   अर्गल   अर्थ   अर्थगुण   अर्थचित्र   अर्थदोष   अर्थव्यक्ति   अर्थसम्भव   अर्धान्तरैकवाचक   अलंकार   अलंकृति   अल्लट   अवर   अवस्कन्दन   अवाचक   अविनाभाव   अविशङ्कित   अश्लील   असंगति   असंमत   असंवृत्तविधेय   असमर्थ   अस्थानस्थपद   अस्मि   आक्षिप्   आक्षेप   आधा   आनन्त्यम्   आयःशूलिक   आराध्य   आसेव्य   आस्   आहति   इत   इति   उच्छलत्   उच्छून   उत्तर   उत्तान   उत्पात   उत्प्रेक्षा   उदात्त   उद्देश्य   उद्धूलनम्   उद्‍भव   उन्मीलित   उन्मेष   उपचर्   उपचार   उपनागरिका   उपन्यस्   उपमा   उपमेय   उपमेयोपमा   उपादानम्   उपाधि   एकदेशविवर्तिन्   एकावलि   एकावली   कथित   कदम्ब   कनकलतिका   कमल   कर्णावतंस   कारक   कारणम्   कालता   काव्य   काव्यलिङ्ग   कुन्त   कुवि   कुसुमम्   कूण्   कृते   कोमल   कौटिल्यम्   कौमार   कौस्तुभभृत्   क्लेदिन्   क्षेत्रिय   गडि   गडु   गड्डरिका   गड्डारिका   गर्भित   गाङ्ग   गुण   गुणप्रकर्ष   गुणीभूत   गो   ग्रन्थ   ग्रन्थ्   घटा   घनसार   घुरी   घुर्   घोष   चण्डीदास   चपेटा   चपेटापातन   चपेटापातनातिथि   चमत्करणम्   चरणानति   चाटुकशत   चि   चित्र   च्युतसंस्कृति   छटा   छात   छुरणम्   छेक   जगत्   जाति   जितेन्द्रियत्व   झॄ   डित्थ   तद्   तद्गुण   तद्वत्   तरलत्व   तल   तात्पर्यम्   ताम्बूलम्   तिर्यक्   तुल्य   त्यक्तपुनःस्विकृत   दव   दिन   दीपक   दुर्   दुष्क्रम   दुष्क्रमता   दृषत्कण   देव   देवी   दौरात्म्यम्   द्युरत्न   धावक      नवपरिणया   नान्तरीयक   नारीय   निगीर्ण   निदर्शन   निदर्शना   निद्रादरिद्रीकृ   निन्दनम्   नियन्त्रित   नियमन   निर्मिति   निर्वेद   निर्ह्रादन   नीवि   नृपाङ्गण   नृपाङ्गन   न्यग्भावित   पट्   पठ्   पतत्प्रकर्ष   पदवृत्ति   पद्म   पद्मबन्ध   परपरित   परामृश्   परिकर   परिणय   परिरुध्   परिवृत्ति   परिसंख्या   पर्यवसो   पर्याय   पस्पश   पित्तम्   पुरुषायित   पुलकित   पूर्णिमारात्रिशर्वरी   पूर्णोपमा   प्रकृत   प्रक्रम   प्रणिधा   प्रति   प्रतिनिर्देश्य   प्रतिबिम्बनम्   प्रतिभास   प्रतीति   प्रतीप   प्रत्यनीक   प्रसन्नरस   प्रसाद   प्रसिद्धिविद्याविरुद्ध   प्रसिद्धिहत   प्रसृ   प्रस्तुत   प्राकरणिक   प्रागल्भ्य   प्रागल्भ्यम्   प्राणप्रद   प्रादुर्भाव   प्रेमलतिका   प्रोत   बन्ध   भग्नप्रक्रम   भङ्गि   भस्मन्   भस्मोद्धूलन   भारत   भाव   भाविक   भाविन्   भिन्न   भू   भूतभाविन्   भ्रान्तिमत्   मत्त   महिष   महिषवाहन   महीला   मातङ्ग   माधुर्य   मार्गण   मार्जार   मार्तण्ड   माला   मालादीपक   मालारूप   मिथ्या   मीलित   मुरज   म्लै   यथा   यथासंख्य   या   यामिका   यामिनय   यामुन   रजनि   रस   रसान्तर   रा   राका   राज्   रुद्र   रूढि   रेवा   रोमन्   रौद्र   लक्षणम्   लक्षणलक्षणा   लक्षणा   लक्ष्   लक्ष्य   ललित   लस्   लाक्षणिक   लाट   लिख्   लिह्   लुण्टाक   लुप्त   लुप्तोपमा   लॄ   लोप   वक्र   वक्रोक्ति   वच्   वर्णनम्   वल्   वस्तुधर्मिन्   वाक्यम्   वाचक   वाच्य   वाम   विधु   विधेय   विनिर्मित्सु   विनोक्ति   विप्रलम्भ   विप्लु   विभा   विभावनम्   विभावरीकान्त   विभ्रम्   विरुद्धमतिकारिता   विरुद्धमतिकृत्   विरोध   विलिख्   विवल्   विशरारुता   विशेष   विशेषण   विशेष्य   विश्वंभर   विसंधि   विसंष्ठुल   विस्फु   विस्रंसन   वृत्ति   वेतसी   वैचित्रम्   वैदर्भी   व्यङ्ग्य   व्यतिरेक   व्यभिचारिभाव   व्याघात   व्याज   व्याजोक्ति   व्याहत   व्याहति   व्योमन्   शक्ति   शब   शब्द   शब्दचित्र   शब्दशक्ति   शलाकिका   शाखीय   शिक्षा   शिरोधूनन   शिव   शीत   शुभ्र   शून्य   शूर   शैल   शैलशेखर   शोचिस्   श्यामलिमन्   श्रम्   श्रुति   श्रुतिकटु   श्रोणि   श्रौत   श्लिष्ट   संकर   संकल्   संकेतित   संग्राम   संचार   संदिग्ध   संदेह   संध्या   संभावनम्   संमित   संलक्ष्य   संवाह्य   समर्थनम्   समस्तवस्तुविषय   समागम   समाचर्   समाधि   समाप्तपुनरात्त   समाप्तपुनरात्तक   समारोपित   समास   समित   समुच्चय   समुल्लासिन्   सम्भावना   सर्वतोभद्र   सर्वस्वाय   सवितर   सवितृ   सविध   सह   सहचरभिन्न   सहस्रायुधीय   सहार्थ   सहृदय   साधर्म्यम्   साध्य   सामान्य   सार   सारोपा   सुख   सूक्ष्म   स्तिमितय   स्त्रीव्रण   स्थग्   स्फुट   स्फोट   स्मरण   स्मरणम्   स्व   स्वप्   स्विद्   हतवृत्त   हेतु   
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