Dictionaries | References म मन हौशी, करम गंडिया Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 मन हौशी, करम गंडिया मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | Marathi Marathi | | मनांत पुष्कळ चांगल्या चांगल्या गोष्टी कराव्या असें येतें पण नशीब खोटें असल्यामुळें कांहीं उपाय चालत नाहीं. Related Words मन हौशी, करम गंडिया मन मन मारप मन मारना मन मारणे गंडिया हौशी करम करमणे मन राजा, मन प्रजा धर्मसावर्णि मन मन मनाविणें मन गडबडणें मन मुंडणें मन घालणे मन घालणें मन जाणें मन देणें मन लावणें मन बसणें मन लागणें शुद्ध मन मन कांपणें मन-काळीज मन तुटणें मन नपर्दो मन विटणें मन धरणें मन लगना मन उठणें मन उडणें मन मोडणें मन भरना नज़रे करम ആലോചിക്കുക ಇಷ್ಟವಾಗು हौशी अन् म्हातार्याची गौशी आवैचे मन कांतली, भुर्ग्याचे मन करटी उद्योगानें मन स्वच्छ राहते, आळसानें मन खातें मन पळोन धन मन राजा, मन परजा, मनाले कोण वरजा संशयि मन सावळेक भित्ता संशयी मन सावळेक भित्ता अंदाधुंद मन हरा गाय खालीवर मन होणें मन दुग्ध्यांत पडणें रिकामें मन सैतानाचं धन रिकामें मन सैतानाचं सदन मन मानेल तो सौदा करम फर्माय मुख्लिसान नज़र-ए-करम नापसंद तुझें मन माझे साक्षीशी आणि माझें मन तुझे परीक्षेशी देव मन पाळौन धन दिता दिलो-दिमाग़ دِلو دٮ۪ماغ ಮನಸ್ಸು-ಬುದ್ಧಿ psyche अंग उदकान नितळ, मन सतान आंग उदकान नितळ, मन सतान रिकामें मन आणि कुविचाराची धन ज्याचें मन त्याला ग्वाही देतें मन चिंती तें वैरी चिंतीना विटलें मन आणि फुटलें मोतीं सांधत नाहीं वैरी न चिंती तें मन चिंती पक्क्या पानाचा हौशी आणि बारीण आली दाराशीं कपटी मित्राचें मन, अधिक दुष्ट सर्पाहून आपले मन जिंकी, तो धन्य म्हणावा लोकीं मन नाहीं थिरी, उगीच तीर्थ करी मन नाहीं स्थिरी, बहु तीर्थ करी देवु जाला लागी, मन गेलें दूर एक उत्रानें मोळ्ळोलें मन, धा उत्राने समजाइना भोंवचें गेलो तीर्थांतु, मन उरलें घरांतु भोवचा गेलो तीर्थांतु, मन उरलें घरांतु पिसो मन मेकळता, बुदवंतु बांदुन दवरता ज्याचें जया ध्यान, तेंच होय त्याचें मन दुष्ट संगतीनें मन, दोषी न करिती सुजन रायागेलें मन आनि रुक्का सावळी तत्तावळी परतता उदार मन ठेव संपत्तिकाळीं, स्थीर असावें विपत्तिवेळीं ठेवी मन स्वाधीन, राहे प्रगट डौलानं मन नाहीं राजी, तो क्या करेगा काजी मन चिंती तें वैरीही न चिंती फुटले मोतीं तुटलें मन सांधत नाहीं दरिद्री चाले दर्याकू (दर्यावकू), दरिद्र (करम धाय, धाय करम लिखा सो पाय विटलेलें मन जुळत नाहीं आणि फुटलेलें मोतीं सांधत नाहीं घर सान जाल्ले तरी मन होड आस का आपले मन स्वाधीन नाही, बंधनी तो कदां न राही बड्डि भोळयारि दोरियेनें बांदये, मन मोळयारि कसल्यानें बांदचें మనసునొప్పించు মন ভেঙে যাওয়া মন মৰা ਮਨ ਮਾਰਨਾ ମନମାରିବା കുറിച്ചു വയ്ക്കുക गोसोखौ दबथाय મન મારવું ಮನಸ್ಸನ್ನು ಹಿಡಿತದಲ್ಲಿಟು पाय घटि आसल्यरि गुडो चडयेद, मन घटि आसल्यारि खयीं चडयेद मन मिलेसो मेला, चित्त मिलेसो चेला, नहीं तो अकेला भला Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP