-
विविध मंत्र
विविध समस्यांसाठी मंत्र
Type: PAGE | Rank: 5.653762 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - ऋद्धिसिद्धि मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 4.972481 | Lang: NA
-
मंत्र
Meanings: 59; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 3.780502 | Lang: NA
-
५१ मंत्र जप आणि चिंतनासाठी.
51verses for chanting and contemplation. ५१ मंत्र जप आणि चिंतनासाठी.
Type: PAGE | Rank: 3.687774 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - सरस्वती मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.653382 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - बगलामुखी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.639809 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - कमला-मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 3.635173 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - मातंगी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 2.559657 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - शारदादेवी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 2.559657 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - भुवनेश्वरी मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 2.559657 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - तीव्रबुद्धिकरण मंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 2.559657 | Lang: NA
-
मंत्रशास्त्र
देवताओं की उपासना करनेवालोंको सारी सिद्धियाँ प्राप्त करनेके लिये मंत्र शास्त्र का उगम हुआ है।
Type: INDEX | Rank: 2.3692 | Lang: NA
-
पंचदशी विद्या - पंचदशी विद्या विचार
गुरूपदिष्ट मार्गाशिवाय मंत्रांचे अनुष्टान करू नये , कारण मंत्रशास्त्र हे अनुभवदर्शी शास्त्र आहे .
Type: PAGE | Rank: 2.260642 | Lang: NA
-
पंचदशी विद्या - पंचदशीयंत्राचा विधि
गुरूपदिष्ट मार्गाशिवाय मंत्रांचे अनुष्टान करू नये , कारण मंत्रशास्त्र हे अनुभवदर्शी शास्त्र आहे .
Type: PAGE | Rank: 2.256319 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - गुरु व त्यांचे प्रकार
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.82164 | Lang: NA
-
शल्य शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.784007 | Lang: NA
-
शास्त्र
Meanings: 34; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 1.708017 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - अन्नपूर्णामंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 1.696313 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - बारा प्रकारचे गुरु
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.694734 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था - दीक्षा व प्रकार
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: PAGE | Rank: 1.688095 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - तारामंत्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 1.68666 | Lang: NA
-
णणोकार-मंत्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.656582 | Lang: NA
-
तंत्र शास्त्र
तन्त्र शास्त्र में अनेकों शक्तियों की उपासना और साधना का रहस्य बतलाया गया है ।
Type: INDEX | Rank: 1.631851 | Lang: NA
-
मंत्रशास्त्र - पंचदशी विद्या
गुरूपदिष्ट मार्गाशिवाय मंत्रांचे अनुष्टान करू नये , कारण मंत्रशास्त्र हे अनुभवदर्शी शास्त्र आहे .
Type: INDEX | Rank: 1.625027 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - अन्य मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.543484 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - महाकाली मंत्र वर्णन
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.515562 | Lang: NA
-
गारुड़ मंत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.500045 | Lang: NA
-
गारुड मंत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.484685 | Lang: NA
-
तारक मंत्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.409891 | Lang: NA
-
प्रारंभिकावस्था - मंत्र विद्या
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
Type: PAGE | Rank: 1.273057 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - गुप्त काली मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.240319 | Lang: NA
-
राजनीति शास्त्र
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.196458 | Lang: NA
-
चिकित्सा शास्त्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.173538 | Lang: NA
-
शल्यचिकित्सा शास्त्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.142225 | Lang: NA
-
शास्त्र विरुद्ध
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.124932 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.124932 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - भद्रकाली के फलदायी मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.117675 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - काली मंत्र एवं ध्यान
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.103769 | Lang: NA
-
कालीतंत्र - महाकाली के ऐश्वर्यदायी मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.102876 | Lang: NA
-
गुरुसंस्था व परंपरा
मंत्रशास्त्राकार जगन्नाथपुरीचे ब्रह्मीभूत पूज्य श्रीशंकराचार्य योगेश्वरानंदतीर्थ ह्यांचा हा मंत्रसाठा सिद्ध आहे ,
Type: INDEX | Rank: 1.083931 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - दशमः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - कालीमंत्र.
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - सप्तमः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - तृतीयः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - चतुर्थः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मंत्रशास्त्र
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: INDEX | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - नवमः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - पञ्चमः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - द्वितीयः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA
-
मंत्रप्रकरण - मंगलाचरण
" श्रद्धावान लभते फलं" म्हणजे श्रद्धालु पुरूषालाच मंत्रानुष्ठानाची यथोक्त फलप्राप्ति होते.
Type: PAGE | Rank: 1.056913 | Lang: NA