काश्य n. (सो. क्षत्र.) भागवत मत में सुहोत्र का, एवं वायु तथा विष्णु के मत में सुनहोत्र का पुत्र । ब्रह्मांड, भागवत तथा वायु के मत में, काश्यवंश अमावसुपत्र क्षत्रवृद्ध से प्रारंभ हुआ । ब्रह्म तथा अग्नि पुराण के मत में वह पौरव सुहोत्र से निकला । परंतु, ब्रह्म तथा अग्नि में सुहोत्र तथा सुनहोत्र नामसाम्य से गडबड हो गई होगी । इस वंश को क्षत्रवृद्धवंश अथवा काश्यवंश कहते है (काशि देखिये) ।
काश्य II. n. सांदीपनी का नामांतर ।
काश्य III. n. (सो. अज.) सेनजित् राजा के चार पुत्रों में से तीसरा । मत्स्य में काव्य नामांतर प्राप्त है ।
काश्य IV. n. भारतीय युद्ध में पांडवपक्षीय राजा । एकरथ होते हुए भी, युद्ध के समय किसी वरप्रभाव से यह अष्टरथी हो जाता था
[म.उ. १६८.१२१] ।
काश्य V. n. काशिराज अर्थ से यह नाम अजातशत्रु के लिये प्रयुक्त है (अजातरिपु२. देखिये) ।