हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|यारी साहब|
देखु बिचारि हिये अपने नर ...

भजन - देखु बिचारि हिये अपने नर ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


देखु बिचारि हिये अपने नर, देह धरो तौ कहा बिगरो है ।

यह मिट्टीका खेल-खिलोना बनो, एक भाजन, नाम अनंत धरो है

नेक प्रतीति हिये नहिं आवति, मर्म भूलो नर अवर करो है ।

भूषन ताहि गलाइके देखु, 'यारी' कंचन ऐनको ऐन धरो है

N/A

References : N/A
Last Updated : December 25, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP