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जोगी जुगति जोग कमाव । सु...

भजन - जोगी जुगति जोग कमाव । सु...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


जोगी जुगति जोग कमाव ।

सुखमना पर बैठि आसन, सहज ध्यान लगाव ॥

दृष्टि सम करि सुन्न सोओ आपा मेटि उड़ाव ।

प्रगट जोति अकार अनुभव, शब्द सोहं गाव ॥

छोड़ि मठको चलहु जोगी, बिना पर उड़ि जाव ।

'यारी' कहै यह मत बिहंगम, अगम चढ़ि फल खाव ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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