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माली सठयो फुललेशे, कांइ चोटलि तो नहीं लेशे

   
Script: Devanagari

माली सठयो फुललेशे, कांइ चोटलि तो नहीं लेशे

   माळीण रुसली तर फुलें नेईल, वेणी तर नेत नाहीं. ( आपलें भाग्य कोणी नेऊं शकत नाहीं.) रुसली गौर तर घेईल सौभाग्य, कांहीं कपाळ तर नेत नाहीं.

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