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dictionary
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description
Meanings: 11; in Dictionaries: 8
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निर्वचनम्
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
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glossary
Meanings: 9; in Dictionaries: 6
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lexicon
Meanings: 8; in Dictionaries: 6
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definition
Meanings: 19; in Dictionaries: 12
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key
Meanings: 39; in Dictionaries: 15
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विचखुगीता
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे.
Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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खण्डः ३ - अध्यायः ००६
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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माल्य
Meanings: 27; in Dictionaries: 7
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define
Meanings: 24; in Dictionaries: 9
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः ११८
योगवासिष्ठः
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index
Meanings: 74; in Dictionaries: 25
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derive
Meanings: 25; in Dictionaries: 8
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काव्यमीमांसा - द्वितीयो ऽध्यायः
संस्कृत कवि राजशेखरद्वारा द्वारा रचित काव्यमीमांसा अलंकार शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे। राजशेखर महाराष्ट्र देशवासी थे और यायावर वंश में उत्पन्न हुए थे।
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पुरुषोत्तमसंहिता - त्रयत्रिंशोध्यायः
पुरुषोत्तमसंहिता
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अधिकरणम् ३ - अध्यायः ४
महर्षि वात्स्यायन यांच्या कामसूत्र ग्रंथात दाम्पत्य जीवनातील फक्त श्रृंगारच वर्णिलेला नसून कला, शिल्पकला आणि साहित्यपण संपादित केलेले आहे.
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वाक्यकांड - भाग ४
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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अनुषङ्गापादः - अध्यायः ३३
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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विष्णुधर्माः - अध्याय १०४
विष्णुधर्माः
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उमासंहिता - अध्यायः ४४
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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पुरुषोत्तमसंहिता - द्वाविंशोध्यायः
पुरुषोत्तम
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कुमारसम्भवम् - सप्तमः सर्गः
महाकवि कालिदास रचित कुमारसंभव हे काव्य कार्तिकेयच्या जन्मासंबंधी असून, संस्कृत भाषेतील पाच महाकाव्यांपैकी एक आहे.
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काव्यमीमांसा - नवमो ऽध्यायः
संस्कृत कवि राजशेखरद्वारा द्वारा रचित काव्यमीमांसा अलंकार शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे। राजशेखर महाराष्ट्र देशवासी थे और यायावर वंश में उत्पन्न हुए थे।
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४४१ ते ४६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः २
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः ५९
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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महोपनिषत् - चतुर्थोऽध्यायः
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic
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प्रक्रियापादः - अध्यायः १
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः १
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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ध्वन्यालोकः - तृतीय उद्योतः
ध्वन्यालोकः हा ग्रंथ श्रीराजानकानन्दवर्धनाचार्य: यांनी रचिलेला आहे.
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निर्
Meanings: 582; in Dictionaries: 4
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परमेश्वरसंहिता - सप्तदशोऽधयायः
परमेश्वरसंहिता
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