-
राजा कालस्य कारणं
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 3.071905 | Lang: NA
-
अवृत्तिः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03814945 | Lang: NA
-
groundlessly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
needlesly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
कङ्कणप्रियः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
कृष्णनेत्रपटलम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
धूपिः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
राजद्रोहः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
विरोदनम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
स्पन्दः
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03051956 | Lang: NA
-
शतश्लोकी - श्लोक ८४
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 0.02670461 | Lang: NA
-
अन्धबिन्दुः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02670461 | Lang: NA
-
कलहः
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02670461 | Lang: NA
-
विश्वासहीनता
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02670461 | Lang: NA
-
शपथपत्रम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02670461 | Lang: NA
-
शतश्लोकी - श्लोक ९७
’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
incitement
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
अधःपातः
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
प्रौढोक्तिः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
दैनन्दिनी
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
सन्नकण्ठः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
श्रव्यचित्रणम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02288967 | Lang: NA
-
inducement
Meanings: 14; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
अनिर्दिष्ट
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
अप्रसन्नता
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
उपनिवेशः
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
इष्टता
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
नवोढा
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
द्वाभ्यां तृतीयो न भवामि राजन्।
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01907472 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः १५
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01809587 | Lang: NA
-
द्वितीयं ब्राम्हणं - भाष्यं १
सदर ग्रंथाचे लेखक विष्णुशास्त्री वामन बापट (जन्म: पाऊनवल्ली-राजापूर तालुका, रत्नागिरी जिल्हा, मे २२, इ.स. १८७१; मृत्यू : डिसेंबर २०, इ.स. १९३२) हे महाराष्ट्रातील एक शांकरमतानुयायी अद्वैती, प्राचीन संस्कृत वाङ्मयाचे भाषांतरकार आणि भाष्यकार होते.
Type: PAGE | Rank: 0.0165192 | Lang: NA
-
ascribe
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.01618544 | Lang: NA
-
सर्ववेदसारसंग्रहः - ईश्वरः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
विष्णोर्नाम गीता - भजन १०६
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
प्रथम: पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
व्यासशिक्षा - स्वरधर्मस्वरूपप्रकरणम्
प्रस्तुत ग्रंथाचा रचनाकाल विभिन्न विद्वानांनी ईसवीसन पूर्व १००० ते ईसवीसन पूर्व ५०० सांगितलेला आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
agency
Meanings: 20; in Dictionaries: 12
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
वैशेषिकसूत्रम् - भाग १७
‘ वैशेषिकसूत्रम् ’ या ग्रंथात महर्षी कणादांनी तत्वज्ञान अगदी सोपे करून सांगितले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
विभावना अलंकारः - लक्षण २
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
अट्टालसुन्दराष्टकम् - विक्रमपाण्ड्य उवाच- कल्य...
देवी देवतांची अष्टके, आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
एकनाथी भागवत - श्लोक १९ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
occasion
Meanings: 17; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
प्रथम: पाद: - सूत्र ३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
गौरवहीनता
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
why
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
अण्डम्
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
recommendation
Meanings: 11; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
भीरुता
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.01525978 | Lang: NA
-
रसगंगाधरः - कारणमाला अलंकार:
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01492833 | Lang: NA
-
निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १४९
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
Type: PAGE | Rank: 0.014017 | Lang: NA