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predominantly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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prevalently
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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redundantly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अतिपत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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उपव्यवसायः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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amazingly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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luxuriantly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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intemperately
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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plenteously
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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बहुमूल्यता उपकारः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अधिलाभांशः
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profusely
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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cloy
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aggravate
Meanings: 10; in Dictionaries: 4
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plenty
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
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better
Meanings: 15; in Dictionaries: 5
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०४ - भाग १०
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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luxury
Meanings: 23; in Dictionaries: 7
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over
Meanings: 29; in Dictionaries: 7
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २१
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त ६८ वे
विधिविहित नित्यकर्म (संध्यादि) न केल्यामुळे, पाप केल्याने व सुरा इत्यादि निषिद्ध पदार्थांचे सेवन केल्यानें त्याच्या शुद्धिसाठी जें कर्म सांगण्यात येतें तें प्रायश्चित्त होय.
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more
Meanings: 12; in Dictionaries: 4
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०९ - भाग २
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०३ - भाग ११
कौटिल्य अर्थात् चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र हा प्राचीन ग्रंथ आहे.
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अधिकरणम् ६ - अध्यायः ३
महर्षि वात्स्यायन यांच्या कामसूत्र ग्रंथात दाम्पत्य जीवनातील फक्त श्रृंगारच वर्णिलेला नसून कला, शिल्पकला आणि साहित्यपण संपादित केलेले आहे.
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अतिरिक्त
Meanings: 31; in Dictionaries: 11
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अध्याय २५ - वासुदेवादिमन्त्रनिरूपणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०७ - भाग ६
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः २४०
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १४६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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बृहद्देवता - द्वितीयोऽध्यायः
बृहद्देवता संस्कृत भाषेतील छंदशास्त्र ह्या विषयातील शौनकऋषींनी रचलेला एक प्राचीन ग्रंथ आहे. The Bruhaddevatā (Sanskrit: बृहद्देवता), is a metrical Sanskrit work, traditionally ascribed to Shaunaka.
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