Dictionaries | References

अनृणी अप्रवासी तो सुखी

   
Script: Devanagari

अनृणी अप्रवासी तो सुखी

   ‘ अऋणी अप्रवासी ’ इ. मागें पहा.

Related Words

अनृणी अप्रवासी तो सुखी   अऋणी अप्रवासी तो सुखी   अॠणा अप्रवासी तो सुखी   सुखी   अप्रवासी   अनृणी   अल्प भुकी तो सदा सुखी   भुकी तो सदा सुखी   हंसतमुखी सदा सुखी   असले नसले न गणी, तो एक सुखी प्राणी   एकभुकी सदा सुखी   निर्लज्जः सदा सुखी   आपण सुखी, पसणें सुखी   आपण सुखी जाल्यार जग सुखी   घरचा सुखी   आप सुखी तर जग सुखी   शेतकरी सुखी तर जग सुखी   तो   घरचा यजमान सुखी तर सर्व घर सुखी   अनृण   अन्नदाता सुखी भव   सासरा सुखी, जांवई दुःखी   आपकाया दुःखी, परकाया सुखी   कुंभार कुंभारीण सुखी असेल तर मडक्‍याला काय तोटा   मनमें चंगा तो कटोरिमें गंगा   मनमें चंगा तो काठेवाडमें गंगा   मनमें चंगा, तो काथवटमें गंगा   जो तो   तो मेरेन   सुख   तीन सुखी   मान सुखी   सुखी अवस्था   सुखी असणे   विचारी तो विचारी, धपकावी तो लष्करी   विचारी तो विचारी, धपका लावी तो लष्करी   उदार तो श्रीमंत, कृपण तो दरिद्री   उडाला तो कावळा आणि बुडाला तो बेडूक   चढेल तो पडेल, पोहेल तो बुडेल   उगवेल तो मावळेल   उडतो तो बुडतो   उट्टा तो बुटा   राबेल तो चाबेल   मनास मानेल तो सौदा   बलिष्ठ तो वरिष्ठ   नामदार तो नम्र फार   विलो तो भिलो हा?   राखील तो चाखील   मित्र पैकेकरी, तो निधानापरी   गायी वळी तो गोवारी   पट्टा तो वाट्टा   वेळेस चुकला तो मुकला   मनाचा पातकीः तो आत्मघातकी   हगे तो तगे   उतावळा तो बावरा   उतावळा तो बावळा   बळी तो कान पिळी   गरजवंत तो दरदवंत   भिक्षापाति तो लक्षापति   फिरे तो चरे   फिरेल तो चरेल   काडीचोर तो पाडीचोर   उठी तो कुटी   भडभडया तो कपटीद नसतो   सोय जाणेल तो सोयरा   चढेल तो पडेल   happy   जो काम लोभ दूर सारी, तो सुखें वर्ते देहधारी   आगसतो तो मागसतो   आगसला तो मागसला   मन मानेल तो सौदा   जेथें जाय दुःखी, तेथे न होय सुखी   खाईल तो गाईल   கடனில்லாத   ఋణంలేనటువంటి   ଋଣହୀନ   અઋણી   കടക്കാരനല്ലാത്ത   ऋणहीन   felicitous   दाहारगैजायि   रिणाविरयत   غیرمقروض   خۄد کٔفیٖل   ಋಣಗಾರನಲ್ಲದ   ज्‍याचे मनगटांत जोर, तो बळी   ज्याच्या मनगटास जोर तो बळी   वासनेचा खोटा, पाण्याचा तो गोटा   migrant   गर्जेल तो पडेल (वर्षेल) काय, बोलेल तो करील काय   भक्त तो शिरोमणी। धन्य तो संसारीं। नित्य अवधारी। गुरुवचनें॥   जितो मेराभाई तो गल्‍लीगल्‍लीमें भोजाई   ज्‍याची तरवार खंबीर, तो हंबीर   बहु घेतो तो वेडा नसतो   पांचीं गुण तो पन्नाशीं गुण   खायगा बंग, तो उठायेगा तंग   खायगा बेटा, तो उठावेगा लोटा!   काम करील तो पोट भरील   पोहरा देईल तो विहिर दाखवील   बोलेल तो करील काय, गर्जेल तो पडेल काय   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP