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कबीर के दोहे - आप आपकू बुझ नही । तनमनकू ...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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intellect
Meanings: 12; in Dictionaries: 6
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mind
Meanings: 28; in Dictionaries: 7
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बुझना
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
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फूँक
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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मेघदूत उत्तरमेघा - श्लोक ६ ते १०
"मेघदूत" की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है।
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रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग १
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
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आदिखंड - सूत्र न्याय
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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आदिखंड - दृष्टांत सप्त
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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विनय पत्रिका - विनयावली १२८
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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गोविंदकृत पदें १८७ ते १९०
पद हा अभंगाचाच एक प्रकार असून लयीत गाता येतो, शिवाय गाण्याची कोणतीही ठराविक वेळ नसते.
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वेदस्तुति - श्लोक १८
' हरिवरदा ’ ग्रंथातील वेदस्तुती भागाची ही रसाळ प्राकृत भाषेत स्वामी श्रीकृष्णदयार्णव स्वामींनी लिहीलेली टीका आहे.
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ४५
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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नामरूप - ॥ समास सातवां - प्रत्ययविवरणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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रविवार सायंस्मरण
हरिगुणगानाच्या अभ्यासाने दिवसेंदिवस श्रद्धा बळकट होत जाते आणि हरिस्मरणात मन रमू लागते .
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प्रेमचंद की कहानियाँ - आखिरी मंजिल
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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निर्याणाचे अभंग - १७१ ते १८०
संत बहेणाबाईचे अभंग
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दोहे - ३५१ से ४००
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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आदिप्रकरण - अध्याय तिसरा
निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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अध्याय ५६ वा - श्लोक ११ ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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चांगदेव पासष्टी
चांगदेव पासष्टी Changdeo /Changdev Vateshwar was a deity living on the banks of Tapi river in Maharashtra. Once Muktabai and her brothers were sitting in the Ashram when Changdev happened to pass by. Muktabai was, of course fully clad, but she appeared to Changdev as unclad and at once turned away. Muktabai then told him that he was not perfect as he still had a complex of sex and shame and did not see God in every being. These words of Muktabai had great effect on him and he eradicated this weakness through intense sadhana. Changdev wished to make Jnanadev his Guru, but Jnanadev said that Muktabai was the right spiritual Guru instead of himself. Changdev has made many references to Muktabai in his Abhangs. These are the teachings of Santa Dnyaneshwar
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सगुणपरीक्षा - ॥ समास तीसरा - सगुणपरीक्षानाम ॥
श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।
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अध्याय ४८ वा - श्लोक २१ ते २५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीकेशवस्वामी - भाग ७
केशवस्वामींनी मनोभावेंकरून आपल्या कार्यातून हिंदू जनतेस त्यांच्या ठिकाणी आपला धर्म, आपला देश, आपली संस्कृती, आपली भाषा इत्यादिकांसंबंधी जागॄत केले.
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अध्याय ३ रा - श्लोक १४ ते १६
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीगुरुगीता
रंगनाथ स्वामींचा ( निगडीकर ) जन्म शके १५३४ मध्ये मार्गशीर्ष शु. १० मी रविवारीं झाला.
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श्रीरंगनाथस्वामीकृत श्रीगुरुगीता
मूळ संस्कृत ग्रंथाचे समश्लोकी रूपांतर
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प्रेमचंद की कहानियाँ - इज्ज़त का ख़ून
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - मिस पद्मा
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - कर्मों का फल'
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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अध्याय ८७ वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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प्रथम पाद - संन्यास-आश्रमके धर्म
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - शंखनाद
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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गूंगी
साहित्य के नोबल पुरस्कार से सम्मानित गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने अस्सी साल के जीवन में विपुल साहित्य की रचना की।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - दुर्गा का मन्दिर
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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भक्त लीलामृत - अध्याय ५
महिपतिबोवांच्या वाचेला सिद्धी होती, म्हणूनच हा ग्रंथ जो भक्तिभावाने व एकाग्रतेने वाचील त्याला फलश्रुतीचा अनुभव खचितच येणार.
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प्रेमचंद की कहानियाँ - नाग-पूजा
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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ज्ञानेश्वरी अध्याय १२
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
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धन की भेंट
साहित्य के नोबल पुरस्कार से सम्मानित गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने अस्सी साल के जीवन में विपुल साहित्य की रचना की।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - क़ातिल
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - ईदगाह
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - माँ
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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प्रेमचंद की कहानियाँ - अलग्योझा
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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पाषाणी
साहित्य के नोबल पुरस्कार से सम्मानित गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने अस्सी साल के जीवन में विपुल साहित्य की रचना की।
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श्रीकेशवस्वामी - भाग २९
केशवस्वामींनी मनोभावेंकरून आपल्या कार्यातून हिंदू जनतेस त्यांच्या ठिकाणी आपला धर्म, आपला देश, आपली संस्कृती, आपली भाषा इत्यादिकांसंबंधी जागॄत केले.
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अर्जुन
Meanings: 112; in Dictionaries: 11
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ज्ञानेश्वरी अध्याय १३
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
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