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नन्दानन्दन घनश्याम , भज ...

नाम महिमा - नन्दानन्दन घनश्याम , भज ...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


नन्दानन्दन घनश्याम, भज मन राधे राधे,

जीवन-धन घनश्याम ॥ भज० ॥१॥

गोपीजन - प्राणधन

वृन्दावन -बिहारी श्याम ।

भक्तनके जीवन -धन,

अवध -बिहारी राम ॥२॥

गोपी-वल्लभ राघेश्याम,

प्रेमसे बोलो सीताराम ॥३॥

दीनबन्धु दीनानाथ,

मेरी डोरी तेरे हाथ ।

शरण पड़ेगी रख लो लाज,

दीनबन्धु दीनानाथ ॥४॥

दीनानाथ आवो नाथ,

करुणा-हस्त बढ़ाओ नाथ ॥५॥

राम-धनु लागी,गोपाल-धनु लागी,

कृष्ण-धुन लागी, गोपाल-धनु लागी॥६॥

राधे-कृष्ण गोविन्द-गोविन्द,

जय गोपाल ॥७॥

कृष्ण हो रामा-रामा,

गोविन्द हरि-हरि ॥८॥

जय सीताराम सीताराम,

सीताराम जय सीताराम ॥९॥

जय सिया-राम,

जय-जय सियाराम ॥१०॥

गोविन्दो नहिं गायो तो,

फिर क्या कमायो बावरे ॥११॥

भज बालकृष्ण नन्दलाल, गोविन्द गोपाला,

तेरी माधुरी मूरत पै वारुँ गोपाल ॥१२॥

कुञ्जमें विराजे घनश्याम,

भज मन राधे-राधे ॥१३॥

राजा रणछोड़, राजा रणछोड़

द्वारकाको नाथ म्हारो राजा रणछोड़ ॥१४॥

नटवर-नागर-नन्दा,

भजो रे मन गोविन्दा ॥१५॥

मुख राम कृष्ण, राम कृष्ण बोलिये रे,

सीताराम न भजन लावो लीजिये रे ॥१६॥

सत् चित् आनन्द राजाराम !

पतित-पावन श्रीपति राम ॥१७॥

राम जपु राम जपु राम जपु बावरे,

घोर भव-नीर-निधि नाम निज नाव रे ॥१८॥

हरिः शरणं हरिः शरणं,

हरिः शरणं हरिः शरणं (सनकादि) ॥१९॥

संसारना भय निकट न आवे,

श्रीकृष्ण गोविन्द गोपाल गाताँ (नरसी) ॥२०॥

जय-जय महादेव शंभो !

काशी विश्वनाथ गंगे ॥२१॥

रामजीका नाम सदा मिसरी,

जब चाखै तब गोंद गिरी ॥२२॥

राम नाम लडुवा, गोपाल नाम घी,

कृष्ण-नाम खीर-खाँड, घोल-घोल पी ॥२३॥

तालियाँ बजावो भाई !

राधे- गोविन्द गावो !

सीताराम राधेश्याम बोलो,

और बुलावो ॥२४॥

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Last Updated : January 22, 2014

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