सगुणपरीक्षा - ॥ समास सातवां - आधिभौतिकताप निरूपणनाम ॥

श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।


॥ श्रीरामसमर्थ ॥
पहले किया निरूपण । आध्यात्मिक के लक्षण । अब आधिभौतिक की पहचान । कहता हूं ॥१॥

॥ श्लोक ॥    
सर्वभूतेन संयोगात् सुख दुःखं च जायते ।         
द्वितीयताप संतापः सत्यं चैवाधिभौतिकः ॥

सर्व भूतों के संयोग । से उपजने लगे सुख दुःख । ताप होने पर हो मन भंग । इसका नाम आधिभौतिक ॥२॥
फिर भी इन आधिभौतिक के लक्षण । प्रांजल करूं निरूपण । जिससे अनुभव में आये पूर्ण । पहचान तापत्रयों की ॥३॥
ठोकर लगती टूटते कांटे । खनखनाते शस्त्रों की चोंटे । शल्य फांस सराटा चुभते । इसका नाम आधिभौतिक ॥४॥
आग और सुरसुरी । एकाएक लगे शरीरी । बर्रा आकर दंश करे । इसका नाम आधिभौतिक ॥५॥
मक्खी गोमक्खी मधुमक्खी । चींटी तिलचिट्टा मच्छर दंशी । हरी इल्ली जोंक चिपके । इसे कहिये आधिभौतिक ॥६॥
पिस्सू, पिसोंले, लाल चीटें । अनाज की फांस चींटे खटमल । इसब भ्रमर किलनी के कष्ट । इनका नाम आधिभौतिक ॥७॥
कनखजूरा बिच्छू और सांप । व्याघ्र सियार और सुअर । साहि सांभर । इसका नाम आधिभौतिक ॥८॥
जंगलीगाय जंगली भैंस । जंगली सुअर और भालू । जंगली हाथी पक्षियों के पंख । इसका नाम आधिभौतिक ॥९॥
मगर खीच कर ले जाये । या फिर अकस्मात् डूब गये । या झरने में गिर गये । इसका नाम आधिभौतिक ॥१०॥
नाना विषैले सर्प अजगर । नाना मगर जलचर । नाना वनचर अपार । इसका नाम आधिभौतिक ॥११॥
अश्व वृषभ और खर । श्वान शूकर जंबुक मार्जर । ऐसे बहुविध क्रूर । इसका नाम आधिभौतिक ॥१२॥
ऐसे ये कर्कश भयानक । बहुविध दुःखदायक । दुःख दारूण अनेक । इसका नाम आधिभौतिक ॥१३॥
दिवारे छत गिरते । चट्टाने तहखाने में दबते । वृक्ष शरीर पर टूटते । इसका नाम आधिभौतिक ॥१४॥
किसी का शाप लगता । कोई जादू टोना करता । अचानक ही कोई पागल होता । इसका नाम आधिभौतिक ॥१५॥
कोई एक चाल चले । कोई एक भ्रष्ट करे । कोई एक पकड ले गये । इसका नाम आधिभौतिक ॥१६॥
किसी एक ने दिया विष । कोई एक लगाये दोष । कोई एक डालता पाश । इसका नाम आधिभौतिक ॥१७॥
अवचित सेर का चिक लगे । या भिलवां के फोडे आये । धुंये से प्राणी घबराये । इसका नाम आधिभौतिक ॥१८॥
बिच्छू पर पाव पडे । शिला के नीचे हांथ दबे । दौडते हुये गिर पडे । इसका नाम आधिभौतिक ॥१९॥
वापी कूप सरोवर । गर्त में या नदी के तीर पर । एकाएक गिर पडे शरीर । इसका नाम आधिभौतिक ॥२०॥
दुर्ग के नीचे लुढकते । पेड़ पर से गिरते । उस दुःख से चिल्लाते । इसका नाम आधिभौतिक ॥२१॥
शीत से ओंठ तडकते । हाथ पांव ऐडियां फटते । कीचड से रोग होते । इसका नाम आधिभौतिक ॥२२॥
अशनपान के समय । उष्ण रस से जिव्हा जले । दांत भींचते और टूटते । इसका नाम आधिभौतिक ॥२३॥
पराधीन बालपन में । कुशब्दमार सहना पडे । अन्न वस्त्र का अभाव रहे । इसका नाम आधिभौतिक ॥२४॥
ससुरवास गालगुच्चे से । ठूसे दागते चिमटे । आया रूदन तो न सम्हले । इसका नाम  आधिभौतिक ॥२५॥
चूकने पर कान पकड़ते । या आखों में हिंग डालते । सर्वकाल धार पर धरते । इसका नाम आधिभौतिक ॥२६॥
नाना प्रकार के मार । दुर्जन मारते अपार । दूर होता नैहर । इसका नाम आधिभौतिक ॥२७॥
कर्ण नासिका छेदना । बलपूर्वक पकड़कर गोदना । गल्ती होने पर दागना । इसका नाम आधिभौतिक ॥२८॥
परचक्र में पकड़ ले गये । नीच याति में पहुंचाये । दुर्दशा पाकर मर गये । इसका नाम आधिभौतिक ॥२९॥
नाना रोग उद्भवित हुये । जो आध्यात्मिक में कहे । वैद्य पंचाक्षरी बुलाये । इसका नाम आधिभौतिक ॥३०॥
नाना व्यथाओं का निरसन । करने को औषध दारूण । बलपूर्वक देते जान । इसका नाम आधिभौतिक ॥३१॥
नाना वल्लरियों के रस काढा चाटन कर्कश । लेने पर होता क्लेश । इसका नाम आधिभौतिक ॥३२॥
जुलाब और वमन के औषध देते । पथ्य कठिन कहे जाते । अनुपान चूकने पर विपत्ती में आते । इसका नाम आधिभौतिक ॥३३॥
चीरफाड शस्त्र से रक्त निकालना । गर्म सलाखों से शरीर टोंचना । उस दुःख से दुखी होता प्राणी । इसका नाम आधिभौतिक ॥३४॥
भिलवां लगाते बिब्बा डालते । नाना दुःखों से तडपाते । नस तोडते जोंक लगाते । इसका नाम आधिभौतिक ॥३५॥
बहुत रोग बहुत औषध । कहने पर अपार अगाध । प्राणी दुःखी होकर पाये खेद । इसका नाम आधिभौतिक ॥३६॥
बुलाया पंचाक्षरी । धुवां मार पीडा करी । नाना यातनायें ऐसी । है आधिभौतिक यह चतुर जानें ॥३७॥
जनों को डकैती डालकर । यातना देते तस्कर । मन को दुःख होता अपार । इसका नाम आधिभौतिक ॥३८॥
अग्नि के ज्वाल से होये दग्ध । उसके दुख से प्राणी व्याकुल । हानि होने पर विह्वल । इसका नाम आधिभौतिक ॥३९॥
नाना मंदिर सुंदर । नाना रत्नों के भंडार । दिव्यांबर मनोहर । दग्ध होते ॥४०॥
नाना धान्य नाना पदार्थ । नाना पशु नाना स्वार्थ । नाना पात्र नाना अर्थ । मनुष्य भस्म होते ॥४१॥
खेत में आग लगने पर । अनाज कडबी और कतवार । ईक्षुदंड जाते जलकर । अकस्मात ॥४२॥
ऐसा अग्नि लगा । या किसीने लगाया । हानी हुई या स्वयं झुलसा । इसका नाम आधिभौतिक ॥४३॥
ऐसे कहा जाये बहुत । होते वन्ही के आघात । उस दुःख से दुखी हो चित्त । इसका नाम आधिभौतिक ॥४४॥
खोये बिसरे या छोडे । नष्ट होये गंवाये फूटे या पडे । असाध्य होता किसी ओर से । इसका नाम आधिभौतिक ॥४५॥
प्राणी स्थानभ्रष्ट हो गये । नाना पशु खो गये । कन्यापुत्र चोरी हो गये । इसका नाम आधिभौतिक ॥४६॥
‍तस्कर अथवा दावेदार । एकाएक करते संहार । ले जाते पशु लूटते घर । इसका नाम आधिभौतिक ॥४७॥
नाना धान्य काटते केले तोडते । पान की बाडी में नमक डालते । ऐसे नाना आघात करते । इसका नाम आधिभौतिक ॥४८॥
कपटी उठाईगिरा मुफ्तखोर । सुवर्णपंथी जादूगर । ठग बदमाश और डकैत । डाका डालते ॥४९॥
गठरी चोर द्रव्य चुराते । नाना अलंकार निकालते । नाना वस्तु मूषक ले जाते । इसका नाम आधिभौतिक ॥५०॥
बिजली गिरती हिमपात होता । प्राणी प्रभंजन में फंसता । या वह बाढ़ में डूबता । इसका नाम आधिभौतिक ॥५१॥
भंवर मोड़ और धार । कचरा लेकर लहर अपार । बिच्छू कनखजूरा अजगर । बह जाते ॥५२॥
उसमें प्राणी फंसता । पत्थरों अथवा द्वीप में अटका । डूबते डूबते बचता । इसका नाम आधिभौतिक ॥५३॥
मन को ना भाये संसार । कुरूप कर्कश स्त्री क्रूर । विधवा कन्या मूर्ख पुत्र । इसका नाम आधिभौतिक ॥५४॥
भूत पिशाच लगे । शरीर पर से हवा जाये । झूठे मंत्र से प्राणी चंचल होये । इसका नाम आधिभौतिक ॥५५॥
ब्राह्मणसमंध शरीर में । बहुसाल पीडा करे । शनेश्वर का धोखा धरे । इसका नाम आधिभौतिक ॥५६॥
नाना ग्रह काल वार । कालतिथि घातचंद्र । कालक्षण घातनक्षत्र । इसका नाम आधिभौतिक ॥५७॥
छींक पिंगला और छिपकली । उल्लू तीतर काक की कलकली । लगी चिंता की काजल काली। इसका नाम आधिभौतिक ॥५८॥
मशाल में ज्योतिष भाग्य कह गया । अदर धोखा लग गया । दुःस्वप्न से जाग गया । इसका नाम आधिभौतिक ॥५९॥
भालू भाँके श्वान रोये । छिपकली शरीर पर आ गिरे । नाना चिन्ह चिंता बढ़ाये । इसका नाम्र आधिभौतिक ॥६०॥
बाहर निकलने पर अपशकुन । नाना प्रकार से विघ्न । उसके कारण हो उदास मन । इसका नाम आधिभौतिक ॥६१॥
प्राणी बंधन में फंस गया । यातना का भोगी हुआ । नाना दुःखों से दुःखी हुआ । इसका नाम आधिभौतिक ॥६२॥
प्राणी को राजदंड प्राप्त । जेरबंद चाबुक बेत । दरीमार तलवेमार आघात । इसका नाम आधिभौतिक ॥६३॥
कोडे जटायें और छाल । बहु प्रकार के अनेक । बहुत ताड़ना आधिभौतिक । इसका नाम बोलिये ॥६४॥
मुदगलमार बारूद मार । चौ दिशा से खींच डंडे की मार । घूंसे गर्दन पर घुटनों पर मार । इसका नाम आधिभौतिक ॥६५॥
लातें थप्पड और गोबर की मार । कानों में कंकड पत्थर की मार । नाना प्रकार की मार । इसका नाम आधिभौतिक ॥६६॥
टांगना चापना मुश्के डालना। बेडी बुधनाल कोलदंड देना । न हिलना डुलना । इसका नाम आधिभौतिक ॥६७॥
नाक में चूने का पानी । नमक पानी राई पानी । सताये डाल कर गुड़ का पानी । इसका नाम आधिभौतिक ॥६८॥
जल में डुबाकर रखते । बांध कर हांथी सम्मुख डालते । हांकते छेडते आते जाते । इसका नाम आधिभौतिक ॥६९॥
कर्णछेद घ्राणच्छेद । हस्तछेद पादछेद । जिव्हाछेद अधरछेद । इसका नाम आधिभौतिक ॥७०॥
तीर की मार सूली पर चढ़ाना । नेत्र वृषण निकाला जाना । नख नख में सुई मारना । इसका नाम आधिभौतिक ॥७१॥
वजन कम करवाते । पर्वत से लुढकाया जाये । या तोप के मुख से उड़ाया जाये । इसका नाम आधिभौतिक ॥७२॥
कान में खूंटे ठोंकते । अपान में कील मारते । चमडी उधेडकर फेंकते । इसका नाम आधिभौतिक ॥७३॥
निकाले मांस बोटी बोटी कर । अथवा गले में कांटा डालकर । गले को चिमटा लगाकर । इसका नाम आधिभौतिक ॥७४॥
सीस पिलाना विष देना । अथवा शिरच्छेद करना । या पांव के नीचे डालना । इसका नाम आधिभौतिक ॥७५॥
आंग पर गिरगिट बिल्ली छोड़ते । या फांसी पर लेकर जाते । नाना प्रकार से पीडा करते । इसका नाम आधिभौतिक ॥७६॥
श्वानप्रलय व्याघ्रप्रलय । भूतप्रलय मगरप्रलय । शस्त्रप्रलय विद्युतप्रलय । इसका नाम आधिभौतिक ॥७७॥
नसें खींच कर तोड़ते । मशाल से झुलसाते । ऐसी नाना विपत्ति आते । इसका नाम आधिभौतिक ॥७८॥
मनुष्यहानि वित्तहानि । वैभवहानि महत्त्वहानि । पशुहानि पदार्थहानि । इसका नाम आधिभौतिक ॥७९॥
बालपन में मरे माता । तारुण्य में मरे कांता । वृद्धपन में मृत्यु सूता । इसका नाम आधिभौतिक ॥८०॥
दुःख दारिद्रय और ऋण । विदेश भागता जाना लूट । आपदा विपत्ति कदान्न । इसका नाम आधिभौतिक ॥८१॥
विलाप महामारी प्रलय । युद्ध में होनेपर पराजय । आप्त लोगों का होता क्षय । इसका नाम आधिभौतिक ॥८२॥
कठिनकाल और दुष्काल । सशंक और बुरा समय । उद्वेग चिंता से व्याकुल । इसका नाम आधिभौतिक ॥८३॥
घानी चरखी में पिसा । चक्के के नीचे फंसा । नाना वन्हीं में घुसा । इसका नाम आधिभौतिक ॥८४॥
नाना शस्त्रों ने भेदा । नाना श्वापदों ने भक्षण किया । नाना बंधनों में पड गया । इसका नाम आधिभौतिक ॥८५॥
नाना कुवासों से घबराये । नाना अपमानों से लजाये । नाना शोकों से प्राणी जूझे । इसका नाम आधिभौतिक ॥८६॥
ऐसे कहने को अपार । हैं दुःखों के गिरिवर । श्रोता जानिये विचार । आधिभौतिक का ॥८७॥
इति श्रीदासबोधे गुरुशिष्यसंवादे आधिभौतिकताप निरूपणनाम समास सातवां ॥७॥

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Last Updated : November 30, 2023

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