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दृढभाव तोच देव

   
Script: Devanagari

दृढभाव तोच देव

   परमेश्वराची एकनिष्ठपणें भक्ति केली असतां त्याची प्राप्ति होते. भाव तोचि देव. तु०
   भावदेवाचेम उचित । भाव तोचि भगवंत।-तुगा ३५३८. न देवों विद्यते काष्ठे पाषाणे न च मृन्नये । भावे हि विद्यते देव स्तस्मात्‍ भावो हि कारणम्‌॥

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